गैरसैंण बनेगी ई-विधानसभा, हरेला पर्व पर होगा व्यापक वृक्षारोपण
देहरादून: सरकारी कामकाज में अक्सर कागज की खपत से पर्यावरण पर बडज़ा बहोझ आ पड़ता है। इसलिए उत्तराखंड में ई-कैबिनेट और ई ऑफिस जैसे प्रयास किए जा रहे है ताकि कागज की खपत कम हो और पर्य़ावरण को बचाया जा सके। जल्द ही उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में ई-विधानसभा देखने को मिलेगी। विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति एवं जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमें जनभागीदारी से प्रयास करने होंगे।
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने ई-कैबिनेट की शुरूआत की है। हमने अपने ऑफिसों को ई-ऑफिस बनाने का निर्णय लिया। अभी तक 17 कार्यालय, ई-ऑफिस हो गये हैं। प्रयास है कि राज्य के ब्लॉक स्तर तक जितने भी कार्यालय हैं, इनको ई-ऑफिस बनाया जाय। इससे सरकारी दफ्तरों में कागज के प्रयोग में बहुत हद तक कमी लाई जा सकेगी जिसका सीधा फायदा पर्यावरण को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि हरेला पर्व पर फिजीकल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाय। इस कार्य में जनसहभागिता को शामिल किया जाए। सीएम ने निर्देशित किया कि जिलाधिकारी अपने जनपदों में नदियों, नौलों, एवं जल के स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में कार्य करें। राज्य सरकार ने मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा एवं कोसी के पुनर्जीवन का लक्ष्य रखा है। रिस्पना नदी के लिए आईआईटी रूड़की ने प्रोजक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस अभियान के तहत मिशन मोड में कार्य किया जायेगा।