पहाड़ की गोल्डन गर्ल मानसी का छलका दर्द, पूछा, नौकरी कब दोगे सरकार?
रैबार डेस्क: अपनी प्रतिभा से देशभर में देवभूमि का नाम रोशन करने वाली पहाड़ की उड़नपरी मानसी नेगी को हर कोई बधाई दे रहा है। लेकिन मानसी की पीड़ा कोई सुनने को तैयार नहीं है। मानसी का कहना है कि मैंने हर समय खुद को साबित किया है, लेकिन मुझे उत्तराखंड में नौकरी चाहिए। प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए नौकरी में कोटा और अवसर न होने पर मानसी ने सरकार को कोसा है। gold medalist athlete Mansi Negi asks govt when you give me job despite winning medals
तमिलनाडु में हाल ही में 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप हुई थी। जिसमें 20 किमी रेसवॉक में मानसी ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। मानसी पिछले साल ही जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी अपना परचम लहरा चुकी हैं। मानसी की उपलब्धि पर हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है, लेकिन मानसी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी पीड़ा बयां की है। मानसी ने राज्य मे खिलाड़ियों के भविष्य के लिए ठोस योजना न होने पर सिस्टम की पोल खोली है।
मानसी ने फेसबुक पर लिखा है, मुझे बधाई देने वालों और सपोर्ट करने वालों का दिलसे धन्यवाद। लेकिन मुझे उत्तराखंड में नौकरी चाहिए। मैंने हर समय खुद को साबित किया है, लेकिन उत्तराखंड में खिलाड़ियों के लिए न तो कोई कोटा है न कोई नौकरी के अवसर। मैं निवेदन करती हूं कि नौकरियों में खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा से प्राथमिकता दी जाए। इससे कई युवा एथलीट बेहतर प्रदरेश करने और मेडल जीतने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उत्तराखंड को बचाओ। युवा एथलीट के भविष्य को बचाओ।
आपको बता दें कि जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीतने का बद मानसी का उत्तराखंड में भव्य स्वागत हुआ था। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी मानसी को जॉब देने का वादा किया था। लेकिन मानसी का सपना अभी तक अधूरा है। मानसी चमोली जिले के मरोड़ा गांव की साधारण परिवारकी लड़की हैं। उनके पिता का देहांत हो चुका है। परिवार की सारी जिम्मेदारी मानसी पर है। इन विषम परिस्थितियों के बावजूद मानसी हर कसौटी पर खरा उतर रही हैं। मानसी कहती हैं कि उन्होंने अपनी मां से कहा है कि वो उनसे मिलने तभी गांव आएंगी जब उनकी जॉब लग जाएगी। लेकिन खिलाड़ियों के प्रति सिस्टम औऱ सरकारी की उदासी से मानसी की ये हसरत अभी पूरी नहीं हो सकी है।