2024-05-04

हल्द्वानी हिंसा: मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को देना होगा JCB, गैंती, सब्बल का हिसाब नगर निगम ने भेजा 2.44 करोड़ की वसूली का नोटिस

रैबार डेस्क: हल्द्वानी में 8 फरवरी को पथराव, आगजनी और हिंसा के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। हिंसा के मास्टरमाइंड और बनभूलपुरा में सैकड़ों एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा धारी अब्दुल मलिक के खिलाफ नगर निगम ने 2.44 करोड़ की वसूली का नोटिस भेजा है। नगर निगम ने मलिक को 3 दिन का समय दिया है। उधर पुलिस ने भी मलिकी की धरपकड़ के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं।

बता दें कि पथराव और आगजनी में नगर निगम हल्वानी के कई वाहनों को नुकसान पहुंचा था, कई कर्मचारी चोटिल हो गए थे। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी थी। अब नगर निगम ने नुकसान की भऱपाई के लिए हिंसा के मास्टरमाइंड को 2.44 करोड़ चुकाने का नोटिस भेजा है। यानी मलिक को निगम संपत्ति के नुकसान के ऐवज में 2.44 करोड़ रुपये 15 फरवरी यानी तीन दिन में जमा करने होंगे। नगर निगम ने अपने 15 वाहनों के नुकसान का आकलन करने के बाद सोमवार को 2.44 करोड़ रुपये का नोटिस अब्दुल मलिक के नाम तैयार कर लिया। इसमें बोलेरो, बुलडोजर, ट्रैक्टर-ट्राली संग कूड़ा एकत्र करने वाली गाड़ियां भी शामिल है। अब सारा पैसा मलिक से वसूला जाएगा।

हेलमेट, गैंती, फावड़े की भी होगी वसूली

नगर निगम ने जो सूची तैयार की है उसमें घन, सब्बल, गैंती, फावड़े और हेलमेट भी शामिल हैं। 13 वाहन निगम के खुद के थे, जबकि दो किराये की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें दो जेसीबी भी शामिल हैं। वाहन की स्थिति के हिसाब से पैसे जोड़े गए हैं। निगम कर्मियों के हेलमेट के नुकसान तक की भरपाई भी मलिक से की जाएगी। अगर तय समय में मलिक ये पैसा नही चुकाता तो उसकी संपत्ति कुर्क करने का आधिकार नगर निगम के पास होगा। पैसा जमा नहीं करने पर नगर निगम मलिक की संपत्ति सीज कर सकता है।

बता दें कि घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा था कि देवभूमि में ऐसी अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारी नुकसान की पाई-पाई वसूली जाएगी।  

पुलिस ने तेज की तलाश

उपद्रव के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है। पुलिस टीमों ने दिल्ली और बरेली में डेरा डाल रखा है। लेकिन मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। मलिक का बगीचा में नजूल भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मदरसा और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने ही किया था। जांच के लिए कुछ दिन पहले नगर निगम की एक टीम जब मौके पर पहुंची तो अब्दुल मलिक की अधिकारियों से बहस भी हुई थी। पुलिस उसे मास्टरमाइंड मानकर चल रहे हैं।

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