2025-09-21

IAS आशीष चौहान ने गढ़वाली में लिखा, पौड़ी का भै-बैंणौ, मि त चल ग्यों, पर तुम्हरु प्यार, सदानी दगड़ि रौलु

रैबार डेस्क:  किसी भी जिलाधिकारी का ट्रांसफर हो जाना बेहद सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन कुछ अफसर लोगों के दिलों में ऐसी जगह बना देते हैं, कि लोग उके जाने पर भावुक हो जाते हैं। आईएएस डॉ आशीष चौहान उनमें से एक हैं। डॉ आशीष चौहान पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में भी जिलाधिकारी रहे हैं। जब उनका वहां से ट्रांसफर हुआ तो लोग भावुक होकर रोने लगे।

पिछले करीब ढाई साल से डॉ आशीष चौहान ने पौड़ी जिलाधिकारी के रूप में सेवाएं दी। इस दौरान जनता से गहरा जुड़ाव और उकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण करना जनता में उनकी बेहद खास छवि बना गया। डीएम रहते हुए आशीष चौहान समस्याओं को सुनने या आपदा के वक्त बड़ी दूरी खुद ही पैदल नाप लेते थे। पौड़ी में महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी उन्होंने खास कदम उठाए। बेडू औऱ तिमला से अचार, जैली, जैम जैसे तमाम प्रोडक्ट बनाने की नायाब पहल की। इस वजह से आशीष चौहान लोगों के दिलों में बस गए।

लेकिन जब आशीष चौहान का तबादला हो गया। वे यूकाडा में सीईओ बनाए गए हैं।इसके अलावा खेल निदेशक की जिम्मेदारी भी उन्हें मिली है। पौड़ी छोड़ने पर आशीष चौहान ने गढ़वाली भाषा में पौड़ी की जनता को भावुक संदेश दिया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है…

मेरा पौड़ी का भै-बैंणौ, नमस्कार!

मिल जतगा बि टैम यख बिताई, उ मिखणि सदानी समलौंण छीं।

मेरु ट्रांसफर ह्वे गे। मि त चल ग्यों, पर तुम्हरु प्यार, तुम्हरु लाड़ सदानी म्ये दगड़ि रौलु, बस इतगा आसा चा 

   -तुम्हरु अपणु  आशीष चौहान

इसका अवाद है….मेरे प्यारे पौड़ी के भाई बहनों, सादर नमस्कार। मैंने जितना भी समय यहां (पौड़ी डीएम के रूप में) बिताया, वो मेरे लिए हमेशा के लिए यादगार बन गया। मेरा ट्रांसफर हो गया। मैं तो चला गया लेकिनबस इतनी उम्मीद करता हूं कि आपका प्यार दुलार हमेशा मेरे साथ रहेगा। आपका अपना आशीष चौहान।

डॉ आशीष चौहान की इस पोस्ट पर लोगों की सकारात्मक प्रतक्रियाएं आ रही हैं। आईएएस आशीष चौहान की गढ़वाली में की गई पोस्ट इसलिए भी खास है क्योंकि चौहान राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। इसके बावजूद पहाड़ की संस्कृति और लोक भाषाओं के प्रति उनकी गहरी रुचि रही है।

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