कई जगह क्षतिग्रस्त हुआ केदारनाथ यात्रा मार्ग, यात्रियों को सुरक्षित लाने का रेस्क्यू जारी, यात्रा रोकी गई

रैबार डेस्क : केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से कहर बरपा है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यात्रा को रोक दिया है। रास्ते में फंसे हुए यात्रियों का रेस्क्यू जारी है। पुलिस, एसडीआरएफ, रस्सी के सहारे, हेली के जरिए फंसे हुए यात्रियों को विभिन्न पड़ावों से निकाल रही है।
बुधवार शाम भीमपुल के पास, बड़ी लिंचोली में अतिवृष्टि से भूस्खलन हुआ जिससे कई जगह रास्ता ध्वस्त हो गया। केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड और सोनप्रयाग लिनचोली में आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां विभिन्न पड़ावों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं। एसडीआरएफ, डीडीआरएफ के जवान श्रद्धालुओं को निकालने में जुटे हैं। भीमबली और लिनचोली में सबसे ज्यादा नुकसान होने की सूचना मिल रही है। भीमबली चौकी से करीब 70 मीटर आगे मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण 200 तीर्थयात्रियों को जीएमवीएन और पुलिस चौकी में सुरक्षित ठहराया गया। सड़क और पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण यात्रियों को रस्स के सहारे वैकल्पिक मार्गों के जरिए निकाला जा रहा है। अब हेलीकॉप्टर से भी रेस्क्यू शुरू करदिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वह बचाव व राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है। मंदाकिनी नदी के विकराल रूप धारण करने से गौरीकुंड में तप्त कुंड बह गया है। नदी किनारे की दुकानों और होटलों को खाली करवा दिया गया है। रामबाड़ा से लिनचोली के बीच जगह जगह पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर स्थित दो पुल बह गए हैं। ये पुल पुराने मार्ग पर स्थित थे। इन पुलों का यात्री और घोड़े संचालक शॉर्टकट रास्ते के रूप में उपयोग करते थे। सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार को खाली करवा दिया। जोखिम को देखते हुए केदारनाथ धाम की यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि अभी तक 120 यात्रियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से लाया जा चुका है। उन्होंने सभी कांवड़ियों, तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक यात्रा ट्रेक सही नहीं हो जाता, सभी अपनी यात्रा को स्थगित कर दें।