पुरोला में धर्मांतरण पर बवाल, हिंदू संगठनों ने निकाली आक्रोश रैली, धर्मांतरण कराने वालों को अरेस्ट करने की मांग
रैबार डेस्क: उत्तरकाशी के पुरोला में धर्मांतरण कराए जाने का मामला तूल पकड़ताजा रहा है। हिंदू संगठनों और व्यापारियों ने सोमवार को बाजार में दुकानें बंद रखकर उग्र प्रदर्शन किया और धर्मांतरण कराने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। protest in purola uttarkashi after forceful conversion
बता दें कि क्रिसमस के बहाने 23 दिसंबर को पुरोला के देवढुंग छिबाला गांव में आशा जीवन केंद्र नाम के एनजीओ कार्यालय में प्रार्थना सभा का कार्यक्रम हो रहा था। जिसमें गांव के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और नेपाल मूल के परिवारों के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। इसकी सूचना भाजपा व हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने जमकर हंगामा किया। हिंदू संगठनों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी द्वारा लालच देकर जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है। हिंदू पक्ष की ओर आशा जीवन केंद्र एनजीओ के संचालक लाजर्स कसनिलृस सहित सात के विरुद्ध धर्मांतरण की धारा में मुकदमा दर्ज है। लेकिन मामले ने मोड़ तब लिया जब ईसाई मिशनरी से जुड़े लाजर्स कसनिलृस ने भी तहरीर देकर 100 से अधिक अज्ञात के विरुद्ध थाना पुरोला में मुकदमा दर्ज करा दिया। स्थानीय लोगों और संगठनों पर ईसाईयों ने मारपीट, गाड़ी व आशा जीवन केंद्र एनजीओ कार्यालय में तोड़फोड़ और एक धर्म के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है।
धर्मांतरण करवाने में सात आरोपितों को पुलिस ने धारा 41 का नोटिस दिया है। इसी के विरोध में आज पुरोला व्यापार मंडल ने बाजार बंद करवाया औऱ हिंदू संगठनों के साथ विशाल रैली निकाली। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनजीओ के नाम पर देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण कराने का खेल खेल जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं की। हिंदी संगठनों और व्यापारियों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।