केदारनाथ के गर्भगृह में क्यों चल रही ड्रिल मशीन? दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध
रैबार डेस्क: जगत प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ के धाम में एक बार फिर तीर्थपुरोहितों में नाराजगी है। पुरोहितों का आरोप है कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों परसोने की परत चढ़ाई जा रही है। इसके लिए गर्भगृह में ड्रिल मशीन चलाई जा रही है।( local priest protest of coating golden layers on the wall of kedarnath dham) यह न केवल आस्था के हिसाब से बल्कि मंदिर की सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक स्थिति है।
दरअसल महाराष्ट्र के एक भक्त ने बद्री केदार मंदिर समिति को 230 किलो सोना केदारनाथ मंदिर के लिए दान दिया है। मंदिर समिति इस सोने केदारधाम क गर्भगृह की दीवारों पर चढ़ा रही है। समिति का तर्क है कि इससे मंदिर की चमक गई गुना बढ़ जाएगी। समिति को सरकार की तरफ से गर्भगृह की दीवारों पर सोना चढ़ाने की परमिशन मिली है। लेकिन स्थानीय तीर्थ पुरोहित ने इसके विरोध में उतर आए हैं।
तीर्थपुरोहितों का कहना है कि यह हमारी परंपराओं के साथ खिलवाड़ है। इसे किसी खीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि सोने की परत चढ़ाने के लिए गर्भगृह में भारी ड्रिल मशीनें चलाई जा रही हैं जिससे मंदिर को भी खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जबरन मंदिर में सोना लगाया तो आंदोलन के साथ तीर्थ पुरोहित भूख हड़तााल शुरू करेंगे। केदारनाथ धाम के तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कि पांडवकालीन मंदिर, जिसका आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा जीर्णोद्धार किया गया था, उसे पहले भी चांदी से आच्छादित किया गया था। पुरोहित ने कहा कि गर्भगृह को ठंडा रखा जाता है। क्यों कि चांदी का स्वभाव ठंडक है। लेकिन सोना गर्म होता है। पुरोहित ने कहा कि आज ड्रिलिंग मशीन से गर्भगृह को क्षति पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस निर्णय को जल्द वापिस नहीं लेगी तो तीर्थपुरोहित समाज भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होगा।