2024-05-13

देहरादून में ड्रैगन फ्रूट की खेती से आत्मनिर्भर बना पहाड़ का युवा, पीएम मोदी को बेहद पसंद है ये फल

dragon fruit kheti in dehradun

रैबार डेस्क:  उत्तराखंड के युवा स्वरोजगार के नेए नए तरीके तलाश रहे हैं। खेती और बागवानी को फायदेमंद बनाने की दिशा में रोज नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। और उनके ये प्रयोग एक सफल मॉडल बनकर कई लोगों को प्रेरण दे रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड दौरे पर आए पीएम मोदी के लिए भोजन में फल काटते वक्त एक युवा की जिज्ञासा जागृत हुई और उसने उसी फल को रोजगार का जरिया बना दिया, जो पीएम को बेहद पसंद है। ये कहानी है देहरादून में रहने वाले मनोज सेमवाल की। जो आज ड्रैगन फ्रूट की खेती से आत्मनिर्भर बने हैं।

देहरादून के नवादा क्षेत्र में रहने वाले मनोज सेमवाल ने बताया कि 2017 में जब पीएम मोदी उत्तराखंड दौरे पर आए थे, तो जिस होटल में उनके लिए भोजन का इंतजाम था, वहा पर ड्रैगन फ्रूट काटा जा रहा था। बस फिर क्या था, मनोज की जिज्ञासा जागी औऱ उसी दिन से उन्होंने इसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। साल 2021 में अपने घर के पास बगीचे में ड्रैगन फ्रूट उगाने की सोची। मनोज को इसमें काफी मेहनत करनी पड़ी। ढेर सारे रिसर्च के बाद चंडीगढ़, गुजरात और वियतनाम से ड्रैगन फ्रूट के 250 पौधे मंगाए। आज ये पौधे ड्रैगन फ्रूट से भरे नजर आ रहे हैं। और एक फल की कीमत150 से 200 रुपए किलो तक मिल जा रही है। इसकी खेती डेढ़ से दो साल में तैयार हो जाती है। और ठीक तरह से देखभाल हो तो एक बार पौधा लगाने पर 25 से 30 साल तक कमाई हो सकती है। मनोज सेमवाल इसके पौधे की कटिंग से सैप्लिंग बनाकर सप्लाई भी करते हैं।

पोषण से भऱपूर

मनोज सेमवाल बताते हैं कि युवाओं के लिए रोजगार का यह बेहतरीन उदाहरण है। अगर खाली पड़ी जमीन है तो उस पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट पौष्टिक गुणों से भरपूर है। यानी एक ड्रैगन फ्रूट खाने से 8 सेब या 4 कीवी के बराबर पोषण मिलता है।

इसमें विटामिन सी, विटामिन बी1 बी2 बी3 और एंटी कार्सिनोजन एजेंट्स पाए जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है।  ड्रैगन फ्रूट में फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो पाचन के लिए फायदेमंद होता है। कैंसर रोगियों, प्रेग्नेंट महिलाओं, शुगर पेशेंट यआ ज्वाइंट पेन से जूझ रहे लोगों के लिए ड्रैगन फ्रूट बेहद फायदेमंद होता है।

क्या है ड्रैगन फ्रूट

ड्रैगन प्रर्ट भारत का स्थानीय फल नहीं है। यह मूल रूप से दक्षिण अमेरिकी देशों में जंगली फल के तौर पर होता है। लेकिन बाद में एशियाई देशों का ध्यान इस पर गया और उसकी प्रॉपर खेती शुरू की गई। ड्रैगन फ्रूट मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम में उगाया जाता है भारत में ड्रैगन फल का उत्पादन 1990 के दशक में शुरू किया गया। वर्तमान में गुजरात में इसकी व्यापक खेती हो रही है। गुजरात में इसे कमलम नाम दिया गया है। सामान्य तौर पर ड्रैगन फ्रूट को पिताया कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed