2024-11-03

शहादत के 56 साल बाद पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद नारायण का पार्थिव शरीर, पैतृक गांव में श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग

रैबार डेस्क: उत्तराखंड चमोली जिले के थराली तहसील के गांव कोलपुड़ी के लापता सैनिक नारायण सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद अपने घर पहुंचा। पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद नारायण अमर रहें,,,,जब तक सूरज चांद रहेगा, शहीद नारायण का नाम रहेगा जैसे नारों के साथ उनके अंतिम दर्शनों के लिए गांव में भारी भीड़ उमड़ी।

शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार शाम गौचर हेलीपैड पहुंचा था। जहां से आज सुबह 6-ग्रेनेडियर बटालियन ने सलामी देने के बाद बॉडी को रुद्रप्रयाग ले गई। रुद्रप्रयाग से शहीद की देह थराली के कोलपुड़ी गांव पहुंचा।

बता दें कि नारायण सिंह वर्ष 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में वायुसेना के एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर लापता हो गए थे। इस हादसे में कुल 102 जवान लापता थे। 56 साल बाद जिन चार सैनिकों के अवशेष मिले हैं उनमें एक कोलपुड़ी गांव के नारायण सिंह का शव भी शामिल है। कोलपुड़ी गांव के प्रधान और नारायण सिंह के भतीजे जयवीर सिंह ने बताया कि बीते सोमवार को सेना के अधिकारियों ने उनकी पहचान होने की सूचना दी थी। उन्होंने बताया कि जेब में मिले पर्स में एक कागज में नारायण सिंह ग्राम कोलपुड़ी और बसंती देवी नाम दर्ज था। साथ ही उनकी वर्दी के नेम प्लेट पर भी उनका नाम लिखा था। सेना के अधिकारियों ने जयवीर सिंह को बताया कि बर्फ में शव सुरक्षित था। डीएनए सैंपल लिया गया। बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार नारायण सिंह सेना के मेडिकल कोर में तैनात थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे एएमसी में नियुक्त थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed