1 अप्रैल से आम लोगों को लगेगा महंगाई का झटका, बिजली की कीमतों में हुई इतनी बढ़ोतरी
रैबार डेस्क: उत्तराखंड की जनता को महंगाई का बड़ा झटका लगा है। राज्य में बिजली महंगी हो गई। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में 9.64% तक की बढ़ोतरी की है। गुरुवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने टैरिफ जारी किया। बता दें कि बिजली की यह नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। Power charges increased by 9 percent in uttarakhand will affect domestic consumers from april 1
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से बिजली की कीमतों को लेकर नया टैरिफ जारी कर दिया गया है। इससे सबसे ज्यादा बीपीएल और आम घरेलू उपभोक्ता प्रभावित होंगे। नए टैरिफ के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सौ यूनिट तक प्रति यूनिट 25 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है। 100 यूनिट से ज्यादा खर्च होने पर 20 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त बिल लगेगा। हालांकि आयोग की तरफ से फिक्स चार्ज में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। दूसरी तरफ बीपीएल उपभोक्ताओं को भी अब 10 पैसे प्रति किलोवाट की दर से ज्यादा बिल चुकाना होगा।
ऐसे महंगा हुआ बिजली का बिल
फिलहाल 100 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं को 2.90 पैसे प्रति यूनिट का भुगतान करना होता है अब इन लोगों को ₹3.15 पैसे चुकाने होंगे।
101 से 200 यूनिट तक वाले उपभोक्ताओं को अभी ₹4.40 पैसे प्रति यूनिट देने होते हैं जिन्हें अब ₹4.60 पैसे प्रति यूनिट देने होंगे
201 से 400 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को ₹6.10 पैसे का भुगतान करना होता है, और अब उन्हें ₹6.30 पैसे का भुगतान करना होगा
400 यूनिट से अधिक प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को अब ₹6.90 पैसे से बढ़ाकर ₹6.95 पैसे प्रति यूनिट देने होंगे
कमर्शियल यूजर्स को भी झटका
घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं। कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमतों में 0.57% प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की गई है। इसी तरह इंडस्ट्री के लिए 1.34% प्रति यूनिट तक दाम बढ़ाए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट में भी 5%04 की वृद्धि की गई है।
समय से बिजली बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट में भी बढ़ोत्तरी की गई है। पहले 1.25% की छूट ऐसे लोगों को दी जाती थी अब उसमें बढ़ोत्तरी करते हुए 1.50% की बिलिंग में छूट दी जाएगी
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से स्पष्ट किया गया कि राज्य में कुल मांग के महज 30% बिजली ही राज्य उत्पादन कर रहा है लिहाजा ऊर्जा प्रदेश के रूप में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी न किए जाने की मांग को इस रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हालांकि डोमेस्टिक और कमर्शियल दोनों ही श्रेणियों के लिए उपभोक्ताओं से लिया जाने वाला फिक्स चार्ज यथावत रहेगा। और इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है