The Kashmir Files पर बोले हरदा, पंडितों की वापसी कराने में नाकाम BJP, बहा रही घड़ियाली आंसू
रैबार डेस्क : चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर हरीश रावत निशाने पर हैं। इस बीच द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर हरदा का बयान आया है। हरीश रावत का कहना है कि ऐतिहासिक (protest of the kashmir files wrong but bjp playing politics) तथ्यों को उजागर करने वाली फिल्मों से किसी को दिक्कत नही होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भाजपाई इस फिल्म को देखकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
देवभूमि डायलॉग से खास बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि मैं द कश्मीर फाइल्स का विरोध नहीं करता हूं। ऐसी फिल्म जो सामाजिक और आर्थिक तथ्यों को उजागर कर रही हो, उससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। हालांकि हरीश रावत ने कहा कि इस फिल्म के बहाने बीजेपी राजनीति कर रही है। बीजेपी के बड़े बड़े नेता फिल्म देखने जा रहे हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। हरदा ने कहा कि इतने सालों से बीजेपी सरकार केंद्र में है, क्या बीजेपी कश्मीरी पंडितों की घर वापसी करवा पाई है? क्या कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो चुका है?
हरीश रावत का भी मानना है कि लालकुआं से चुनाव लड़कर उन्होंने गलती की है। वो जानते थे कि लालकुआं से उन्हें हार मिलेगी। लेकिन पार्टी का मान रखने के लिए पार्टी का ये आदेश मानना पड़ा। हरदा ने कहा कि मैं रामनगर से चुनाव लड़ना चाहता था। वहां मेरू तैयारी थी। मैं वहां आसानी से जीत सकता था। लेकिन जैसे ही मां नामांकन के लिए रामनगर जाने लगा, मुझे संदेश मिला कि अब रामनगर से नहीं बल्कि लालकुआं से लड़ना है। मैंने पार्टी के आदेश का मान रखने के लिए लालकुआं जाना स्वीकार कर लिया। लेकिन जैसे ही लालकुआं पहुंचा मुझे आभास हो गया कि यहां सबकुछ ठीक नहीं है। कार्यकर्ताओं में मेरे लिए उत्साह नहीं था। फिर भी मैंने पार्टी के आदेश का पालन करने के लिए पूरा जोर लगाया।