लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने छीनी जिंदगी, जंगली मशरूम खाने से लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन और नानी की मौत

रैबार डेस्क: पिथौरागढ़ में कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन और नानी की जंगली मशरूम खाने से मौत हो गई। इस घटना से जहां परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की भो पोल खुल गई है। मशरूम खाने के बाद बीमार परिजनों को मुनस्यारी से हल्द्वानी तक तीन अस्पतालों में पहुंचने में 250 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा, लेकिन उचित उपचार नसीब नही हो सका। जिससे दोनों ने दम तोड़ दिया।
पंचाचूली देश कुमाऊंनी गाने से लोकप्रिय हुए गायक गणेश मर्तोलिया के मुताबिक उनकी बहन 28 वर्षीय दीया और नानी 70 वर्षीय कुंती देवी उनके साथ ही रहती थीं। उनके पिता जोहार में हैं। गर्मियों में नानी को दिक्कत होती थी इसलिए वह मई में चलीं गई। नानी काफी वृद्ध थीं इसलिए बहन को भी उनके साथ भेजा था। 11 जुलाई को उन्होंने जानकारी न होने के कारण खेत में उगा जंगली मशरूम खा लिया था। उसके बाद रात में बहन का फोन आया कि तबीयत बिगड़ रही है जिसके बाद गांव के किसी रिश्तेदार को फोन कर उन्हें 14-15 किमी दूर मुनस्यारी अस्पताल में भिजवाया गया। इस दौरान उन्हें उल्टी-दस्त शुरू हो चुके थे लेकिन अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण 13 जुलाई की सुबह उन्हें डिस्चार्ज कर बहन को एंबुलेंस और नानी को एक निजी गाड़ी से पिथौरागढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यहां से भी बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं मिली तो दोनों को एंबुलेंस से हल्द्वानी लाने की तैयारी की गई । लेकिन जैसे ही रात को वो खटीमा के पास पहुंचे तो दिया की तबीयत और अधिक बिगड़ने लगी जिसके चलते उसने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया जबकि कुंती देवी को एसटीएच में भर्ती कराया गया जहां पर बुजुर्ग की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें आईसीयू में रखा गया लेकिन बीते सोमवार को बुजुर्ग महिला ने भी दम तोड़ दिया। नानी नातिन की मौत के बाद से उनके परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
गणेश मर्तोलिया ने बताया की आज मंगलवार को उनकी नानी और बहन का चित्रशीला घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।