सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, बाढ़ से जमा हुई गाद और खनिज हटा सकेंगे भूमिधर
रैबार डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के भूमिधरों को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने राज्य सरकार के गौण खनिज (रियायत) नियमावली 2001 में संशोधन संबंधित शासनादेश को खारिज करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने भूमिधरों को अपनी भूमि पर बाढ़ से जमा हुई गाद एवं अन्य गौण खनिज का केवल स्वयं के लिए उपयोग की अनुमति प्रदान की है। Supreme Court Stays HC order cancelling govt notice to relief people after flood
गौरतलब है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 26 नवंबर 2022 को अक्टूबर 2021 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें यह छूट दी गई थी कि बारिश या बाढ़ के दौरान जमा हुए गाद और खनिजों को भूमधर हटा सकते हैं। राज्य सरकार ने उत्तराखंड गौण खनिज (रियायत) नियमावली 2001 के नियम 3 के तहत भूमिघरों को उनकी अपनी भूमि से वर्षा के दौरान बाढ़ के बाद जमा हुई गाद/कचरा एवं अन्य गौण खनिजों को हटाने का लाभ देने हेतु नियमों में संशोधन किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया था।
जनहित में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था औऱ विशेष अनुमित याचिका दायर की थी। मामले के महत्व को देखते हुए, प्रभावी पैरवी के लिए उत्तराखंड सरकार ने मुकुल रोहतगी सीनियर एडवोकेट की सेवाएं ली। माननीय न्यायालय ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आक्षेपित आदेश पर आंशिक रोक भी लगा दी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भूमिधरों को केवल स्वयं के उपयोग के लिए उक्त गतिविधियों को अपनी भूमि में करने की अनुमति दी है।