13 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला साइबर ठग चढ़ा उत्तराखंड पुलिस के हत्थे, एसटीएफ ने कर्नाटक से किया गिरफ्तार
रैबार डेस्क : उत्तराखंड एसटीएफ को क्रिप्टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेडिंग से लाभकमाने का लालच देकर लोगों से 13 करोड़ की ठगी करने वाला साइबर ठग को कर्नाटक से गिरफ्तार किया है। आरोपी की तलाश 12 अलग अलग राज्यों की पुलिस कर रही थी। आरोपी क्रिप्टो करेंसी खऱदीने, फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर ठगी करने, यू-ट्यूब चैनल्स को लाइक व सब्सक्राइब करने का टास्क देकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सदस्य रहा है।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को शिकायत मिली कि पीड़ित के साथ अज्ञात आरोपियों द्वारा खुद को फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर यू-ट्यूब चैनल्स को लाइक और सब्सक्राइब करने का टास्क देकर लाभ कमाने की बात कही गई। उसके बाद क्रिप्टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेडिंग कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग वेबसाइट के लिंक भेजकर निवेश के लिए टास्क करने के लिए कहा गया। इसी क्रम में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर पीड़ित को टास्क और क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग लेन-देन के माध्यम से ऑनलाइन कुल 18 लाख 11 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई। पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
एसटीएफ की टीम ने घटना में प्रयोग मोबाइल नंबर और आरोपियों द्वारा पीड़ित से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि पीड़ित की धनराशि दिल्ली और राजस्थान में ट्रांसफर हुई है। जिसके आधार पर टीम को पहले राजस्थान भेजा गया, औऱ वहा पड़ताल के बाद कादिर खान और अनीश खान को गिरफ्तार कियागया। एसटीएफ ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए दोनों आरोपियों द्वारा जिन अन्य खातों में राशि ट्रांसफर की, उन खातों की जानकारी लेते हुए एक आरोपी राघवेंद्र निवासी कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि संगठित गिरोह लोगों के बैंक में करंट अकाउंट खुलवाता है. इसमें ठगी से जुड़े धन राशि को ट्रांसफर करवाने के बाद किसी क्रिप्टो प्लेटफार्म से राशि को क्रिप्टो में बदलकर आगे भेज देते हैं। अपराधी इसके लिए अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अभी तक गिरोह द्वारा 13 करोड़ के विवादित लेन-देन की बात सामने आई है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना में भी शिकायत दर्ज है।