2024-05-01

गोमुख, गरतांग गली, नेलांग वैली जाने वालों के लिए अच्छी खबर, गंगोत्री नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए खुला

रैबार डेस्क : देश दुनिया के पर्यटक अब ऐतिहासिक गरतांग गली, नेलांग वैली के दीदार करने के साथ मां गंगा के उद्गम स्थल गोमुख के भी दर्शन कर सकेंगे। वन विभाग ने आज गंगोत्री नेशनल पार्क को विधिवत रूप से पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया है। सोमवार को गोमुख-तपोवन ट्रैक के कनखू बैरियर पर गेट का ताला विधिवत पूजा पाठ के साथ खोला गया।

करीब 2390 वर्ग किमोमीटर क्षेत्र में फैला गंगोत्री नेशनल पार्क दुर्लभ वन्य जीवों स्नो लेपर्ड, भरल, भूरा भालू आदि का घर माना जाता है। यहां गोमुख से गंगा का उद्गम स्थल होने के साथ ही गंगोत्री ग्लेशियर में समुद्रतल से 4,000 मीटर से लेकर 7 हजार मीटर ऊंची-ऊंची चोटियां हैं। इसके साथ ही इसके तहत गंगोत्री धाम और नेलांग घाटी भी शामिल हैं। नेलांग घाटी भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा (चीन के कब्जे वाले तिब्बत) को जोड़ती है। इसी पार्क के अंतर्गत तिब्बत-भारत का ऐतिहासिक व्यापारिक रूट  गरतांग गली भी शामिल है।

गंगोत्री नेशनल पार्क का ताला खुलने से अब पर्यटक भारत तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह गरतांग गली में जा सकेंगे। भैरवघाटी के समीप खड़ी चट्टान को काटकर तैयार यह रास्ता स्काई वॉक जैसा अनुभव प्रदान करता है। 2021 में ही इसका जीर्णोद्धार कर इसे खोला गया था। रोमांचक पर्यटन के शौकीनों के लिए ये पसंदीदा स्थल है।

इसके अलावा लद्दाख और स्फीति घाटी जैसी दिखने वाली सुरम्य नेलांग वैली में भी पर्यटक और पर्वतारोही आ सकेंगे। गंगोत्री से 18 किमी की दूरी पर स्थित नेलांग घाटी से भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों के लिए सड़क जाती है। इसे छोटा लद्दाख भी कहा जाता है।

गंगोत्री नेशनल पार्क में ट्रैकिंग और माउंनियरिंग के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ है। यहां कालिंदीखाल ट्रैक है जो गंगोत्री और बदरीनाथ को जोड़ता है। 90 किमी के इस ट्रेक को विश्व के सबसे कठिन ट्रेकों में से एक माना जाता है। ट्रैकर्स वासुकीताल, कालिंदी खाल दर्रे से होते हुए घस्तोली, अरवाताल होकर माणा बदरीनाथ पहुंचते हैं।  

इसके अलावा गंगोत्री से 18 किमी की दूरी पर स्थित केदारताल ट्रैक, गोमुख तपोवन ट्रैक भी पर्यटकों और एडवेंचटर स्पोर्ट्स के शौकीनों को आकर्षित करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed