2024-04-20

बाबा केदार ने भरा महिलाओं का खजाना, यात्रा सीजन में महिला समूहों ने प्रसाद बेचकर किया 48 लाख का कारोबार

women shg earn profit by selling prasad in kedarnath

रैबार डेस्क: कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी चारधाम यात्रा का सकारात्मक असर उत्तराखंड के लोकल उत्पादों और महिला समूहों पर भी देखा गया। केदारनाथ धाम में यात्रा के दौरान अलग अलग महिला समूहों ने प्रसाद बेचकर ही करीब 48 लाख रुपए का कारोबार कर दिया।(women shg earn handsome profit by selling prasad in kedarnath)

श्री केदारनाथ धाम यात्रा पर इस बार 15 लाख 63 हजार से ज्यादा यात्री आए। यात्रियों के लिए जिले में संचालित महिला समूह स्थानीय अनाजों जैसे  कुट्टू, चौलाईस मंडुआ आदि से ऑर्गैनिक प्रसाद तैयार करते हैं। महिला समूहों ने इस वर्ष केदारनाथ धाम में करीब 48 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर कई रेस्तरां, कैफे का संचालन भी महिलाएं कर रही हैं।इस तरह यात्रा के दौरान सैकड़ों महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं। प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।

श्री केदारनाथ धाम में महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चैलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को रॉयल्टी दी जाती है।

मंडुआ, चौलाई की बढ़ी डिमांड

2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चौलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। प्रसाद बनाने और बेचने वाले समूह 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए 100 कुंतल चैलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।

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