2024-05-02

मूल निवास, भू कानून की मांग: सरयू से लेकर यमुना तट तक आक्रोश, लोगों ने नदियों में बहाई स्थाई निवास की प्रतियां

youth flowed copies of permanent resident certificate in rivers

रैबार डेस्क : उत्तराखंड में उत्तरैणी मकरैणीं पर्व की धूम के बीच सोमवार को अलग दृश्य देखने को मिला। बागेश्वर से लेकर रुद्रप्रयाग तक और सरयू से लेकर यमुना तक मूल निवास वर्ष 1950 करने और सख्त भू कानून की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया गया। उत्तरकाशी, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने स्थाई निवास और भू कानून की प्रतियां नदियों में बहाकर विरोध जताया और सख्त भू कानून व मूल निवास वर्ष 1950 लागू करने की मांग की। इस घटना से आज से 102 साल पहले 1921 का वो दृश्य ताजा हो उठा जब कुली बेगार प्रथा का अंत करने के लिए स्थानीय लोगों ने सरयू नदी में उत्तरायणी के दिन कुली बेगार कानून के दस्तावेजों को जलाकर नदी में प्रवाहित किया था और अंग्रेजी हुकूमत के सामने विरोध जताया था।

मूल निवास 1950 और मजबूत भू कानून लागू करने को लेकर प्रदेशभर में जन आंदोलन छिड़ा है। इसी के तहत उत्तरायणी पर्व पर मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने स्थाई निवास औऱ 2018 के भू कानून की प्रतियां सरयू में प्रवाहित करने का आह्वान किया था। इसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला। रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड क्रान्ति दल एवं व्यापार संघ ने स्थाई निवास प्रमाणपत्र की प्रतियां मंदाकिनी नदी में प्रवाहित की। इसी तरह उत्तरकाशी के गंगनानी बड़कोट में लोगों ने स्थाई निवास और 2018 मे लागू किए गए भू कानून की प्रतियां यमुना नदी में प्रवाहित की।

बागेश्वर में भी उत्तरायणी पर्व के मौके पर प्रदर्शनकारियों ने सरयू बगड़ में कुली बेगार प्रथा की तर्ज़ पर स्थाई निवास प्रमाण पत्र की प्रतियों को सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया, साथ ही 2018 में लाए भू-क़ानून की प्रतियों को बागेश्वर घाट में चिता जलाकर उत्तराखंड में सख्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू करने की मांग की।

लोगों का कहना है कि उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून अब अस्तित्व का अहम सवाल बन गया है। लोगों का मानना है कि मूल निवास प्रमाणपत्र और सशक्त भू-कानून के अभाव में उत्तराखंड राज्य की अवधारणा ही छिन्न भिन्न हो गई है। इसके लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर एक बड़े  आंदोलन की आवश्यकता है।

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