2024-05-03

देवभूमि पर धनवर्षा, 15वें वित्त आयोग के तहत 5 साल में राज्य को मिलेंगे ₹89,845 करोड़, CM के प्रयास रंग लाए

15th fin comm. nods 90000 crore by

रैबार डेस्क: आम बजट में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य क्षेत्र  पर फोकस किया गया है। वहीं सामाजिक आर्थिक मापदंडों पर राज्यों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। बजट में 15वें वित्त आयोग(15Th finance commission ) की संस्तुतियों के आधार पर अगले पांच साल तक राज्यों को जारी होने वाली राशि का लेखा जोखा सामने आया है। उत्तराखंड (Uttarakhand) को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों का बंपर लाभ मिल रहा है। राज्य को अगेल पांच साल में विभिन्न मदों में केंद्र सरकार से कुल करीब 90 हजार करोड़ का पैकेज मिलेगा। स्थानीय निकायों और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भारी रकम राज्य को मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया है।  

गौरतलब है कि 15वे वित्त आयोग से राज्य को अधिक से अधिक फायदा देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने खुद पैरवी की थी। सीएम ने वित्त आयोग के तमाम अधिकारियों के सामने पिछले वर्ष प्रभावशाली प्रजेंटेशन दिया था। सीएम ने इसको लेकर प्रधानमंत्री से लेकर वित्तमंत्री और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी। अब इसका फल मिलने लगा है। उत्तराखंड रैबार के पास 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों का एक्सक्लूसिव डॉक्युमेंट है जिसमें प्रदेश को विभिन्न मदों में मिलने वाली राशि का ब्यौरा है।

15वें वित्त आय़ोग द्वारा उत्तराखंड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। इसमें 47,234 करोड़ रूपए की राशि केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा है। केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि शेष 42611 करोड़ की राशि विभिन्न मदों में वर्ष 2121 से 2026 तक मिलेगी। इस राशि में सबसे ज्यादा आपदा प्रबंधन पर खर्च होगा। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य होने के कारण उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन में 5178 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। पीएमजीएसवाई में 2322 करोड़ रूपए की राशि की संस्तुति की गई है।

पीएमजीएसवाई में आसाम के बाद उत्तराखंड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत की गई है।  इसके अतिरिक्त 15 वें वित्त आयोग द्वारा लोकल गवर्नमेंट में 4181 करोड़ रूपए, हेल्थ में 728 करोड़ रूपए, सांख्यिकी में 25 करोड़ रूपए, ज्यूडिसियरी में 70 करोड़ रूपए, उच्च शिक्षा में 83 करोड़ रूपए, कृषि में 277 करोड़ रूपए, स्टेट स्पेसिफिक में 1600 करोड़ रूपए राशि की संस्तुति की गई है।

इसके अतिरिक्त उत्तराखंड को 28,147 करोड़ रूपए का रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट की संस्तुति की गई है। उत्तराखंड को पूर्व में 5176 करोड़ रूपए की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट मिल चुकी है। अभी संस्तुति की गई 28147 करोड़ रूपए की राशि उसके अतिरिक्त है।

इस तरह अगले पांच साल में उत्तराखंड को केंद्र से 89,845 करोड़ रूपए मिलने प्रस्तावित हैं। इतना बड़ा पैकेज पहले राज्य को कभी नहीं मिला है। इस उपलब्धि सीएम त्रिवेंद्र ने प्रधानमंत्री, केंदर्रीय वित्तमंत्री औऱ वित्त आयोग का आभार जताया है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड को विकास योजनाएं संचालित करने में काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई में बड़ी राशि मिलने से सड़क से वंचित रह गये गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सकेगा। आपदा प्रबंधन में भी पर्याप्त धनराशि की संस्तुति की गई है। निश्चित रूप से इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी।

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