इस दुर्गम घाटी में आजादी के बाद पहली बार पहुंचा कोई CM, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने दी कई सौगातें
चमोली: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) बुधवार को सीमांत जनपद चमोली (Chamoli) की एक ऐसी घाटी में पहुंचे, जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश के किसी भी मुख्यमंत्री ने आना मुनासिब नहीं समझा। दुर्मी नाम (Durmi Valley) की इस दुर्गम घाटी की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था।
इसके बाद सीएम गोपेश्वर पहुंचे, जहां पीजी कॉलेज जिम हॉल में उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। सीएम ने कोविड महामारी के दौरान पीएम राहत कोष मे 10 लाख दान करने वाली गौचर निवासी देवकी देवी भंडारी को शॉल भेंटकर सम्मानित किया। सीएम ने जिले के करीब एक दर्जन घोषणाएं की।
बीते नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक दुर्मी ताल (तालाब) के पुनर्निर्माण की घोषणा किए जाने के एवज में जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का सम्मान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी-निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने समेत बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने की योजना बना रही है, इस योजना को अमल में लाने के लिये आगामी बजट में धनराशि की घोषणा की जाएगी। इस योजना को अगले पांच वर्ष में पूरी तरह धरातल पर उतार दिया जाएगा।
दरअसल, दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल हैं। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यहां की जनता पिछले कई वर्षों से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ही कर चुके हैं। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री रिपुदमन सिंह रावत, जिला सहकारी बैंक चमोली के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।