नहीं थम रहा जंगली जानवरों का आतंक, खेत में काम कर रही लड़की को बाघ ने मार डाला,लोगों में आक्रोश
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक थमता नहीं दिख रहा है। दिसंबर का महीना नैनीताल के भीमताल ब्लॉक के लिए गुलदार औऱ बाघ के खौफ का सबब बन गया है। मंगलवार को भीमताल के अलचौना (ताड़ा) गांव में 18 साल की किशोरी निकिता शर्मा की बाघ के हमले में मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक अलचौना ताड़ा गांव में निकिता शर्मा पुत्री विपिन चंद्र शर्मा अपने घऱ के नजदीक खेत में काम कर रही थी। अचानक शाम को करीब 5 बजे बाघ निकिता पर झपटा औऱ उसे मौत के घाट उतार दिया। निकिता का शोर सुनकर ग्रामीण दौड़कर आए लेकिन तब तक बाघ झाड़ियों की ओर भाग गया और निकिता दम तोड़ चुकी थी हादसे के बाद ग्रामीणों में वन विभाग की लापरवाही पर आक्रोश है। लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से इस क्षेत्र में लगातार बाघ देखा जा रहा था, इसकी शिकायत वन विभाग से भी की गई थी, वाबजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया गया और नतीजा 18 साल की लड़की को अपनी जान गंवानी पड़ी।
हादसे के बाद ग्रामीणों में वन विभाग की लापरवाही पर आक्रोश है। लोग बाघ और गुलदारों को आदमखोर घोषित कर उन्हें मारने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि 7 दिसंबर को भीमताल के मलुवाताल में तेंदुए ने हमला करके महिला को मौत के घाट उतार दिया। 9 दिसंबर को भीमताल के ही पिनरों गांव में खेत में घास काट रही महिला को तेंदुए ने शिकार बनाया। इस घटना के बाद वनविभाग ने तेंदुए को आदमखोर घोषित कर मारने के आदेश दिए थे। लेकिन मामला हाईकोर्ट में गया तो हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब एक बार फिर बाघ के हमले से लोगों में दहशत है।