पिथौरागढ़ में बादल फटने से तबाही, 3 की मौत, कई घर बहे, राहत बचाव कार्य जारी
पिथौरागढ़: उत्तराखंड में मानसून से अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्रों में बादल फटने से भारी तबाही का मंजर है। कई घर जमींदोज हो गए हैं। 3 लोगों की मौत की पुष्टि अब हुई है। जबकि 10 के करीब लोग लापत बताए जा रहे हैं। उधर सीएम त्रिवेंद्र ने जिलाधिकारी से फोन पर घटना की जानकारी लेते हुए राहत व बचाव के सभी संभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार और रविवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद मुनस्यारी के कई गावों में भारी तबाही मची है। बंगापानी तहसील में बादल फट गया, जिससे गोरी नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया। इसमें 5 घर बह गए हैं। पिथौरागढ़ के डीएम ने बताया, ‘प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है। उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। 30 घर अभी भी खतरे में हैं।’ डीएम ने बताया कि बादल फटने से मडकोट गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि पड़ोस के गांव से 8 लोग लापता हैं। मौके पर राहत व बचाव दल तैनात है।
पिथौरागढ़ में शनिवार रात से भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश से उफनाई गोरी नदी के पानी में शनिवार को चार मकान, कुछ मवेशी और कृषि योग्य भूमि बह गई थी। बंगापानी के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने कहा, “खतरे को ध्यान में रखते हुए हमने उन मकानों में रहने वाले परिवारों को पहले ही शिफ्ट कर दिया था। वे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को मुआवजे के रूप में 1.19 लाख रुपये की राशि के अलावा 20 किलोग्राम राशन और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया गया है।
उधर सीएम त्रिवेंद्र ने डीएम से घटना की विस्तृत जानकारी मांगी है। सीएम ने जिला प्रशासन को राहत औऱ बचाव कार्यों में तेजी लाने और हर संभव प्रय़ास करन के निर्देश दिए हैं। सीएम ने एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें घटनास्थल की ओर रवाना करने के निर्देश दिए हैं।
भारी बारिश के कारण सीमांत क्षेत्रों बंगापानी, मुनस्यारी और धारचूला के जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले सभी मुख्य मोटर मार्ग बंद हैं। आपदा प्रबंधन के प्रभारी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट राम दत्त पालीवाल ने कहा, ‘तवाघाट से लिपुलेख सड़क तीन स्थानों पर बंद है, जबकि जौलजीबी से मुनस्यारी और मुनस्यारी से थल तक के मार्ग सड़कों पर मलबा आने के कारण दो स्थानों पर बंद हैं।’