युवा आंदोलन: 9 फरवरी की घटना में 6 युवाओं की बेल मंजूर, बॉबी पंवार को नहीं मिली जमानत
रैबार डेस्क : भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता को लेकर बेरोजगार युवाओं का आंदोलन जारी है। युवा बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और अन्य 12 साथियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच कोर्ट ने 13 में से 6 युवाओं की जमानत मंजूर कर दी है। इन सभी को रविवार को होने वाली पटवारी परीक्षा में शामिल होना है। बाकी 7 युवाओं की जमानत पर सोमवार को सुनवाई होगी। 6 youth granted bail while Bobby panwar still in jail in connection with February 9 incident
9 फरवरी को गांधी पार्क में विशाल प्रदर्शन हुआ था। लेकिन शाम होते होते लाठीचार्ज और पथराव के बाद प्रदर्शन हिंसक हो उठा था। घटना के बाद पुलिस ने बेरोजगार संघ के 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उधर गांधी पार्क में धारा 144 लागू होने के बाद दो दिन से बेरोजगार संघ और अन्य युवाओं का प्रदर्शन शहीद स्थल पर जारी है। इस बीच ये खबरें भी आई कि बेरोजगार संघ के कुछ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की है, लेकिन संघ ने इन खबरों का खंडन किया है। युवा बॉबी पंवार समेत 13 लोगों की फौरन रिहाई और उन पर लगी संगीन धाराओं को हटाने की मांग कर रहे हैं।
युवाओं की मांग के बाद शनिवार को कोर्ट ने 13 में से 6 युवाओं की जमानत मंजूर कर दी है। कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए संदीप, अमित पंवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी व अनिल कुमार की जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट में बताया गया कि इन सभी 6 युवाओं को पटवारी/,लेखपाल भर्ती परीक्षा देनी है। जबकि बेरोजगार संघ जे अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत सात अन्य युवाओं को जमानत के लिए अभी इंतजार करना होगा। कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगी।
कोर्ट का आदेश
प्रार्थीगण/अभियुक्तगण संदीप, अमित पंवार, मुकेश सिंह, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी व अनिल कुमार का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता है। प्रत्येक प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा 30,000/- रू० का व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि की दो-दो प्रतिभू दाखिल पर निम्न शर्ता के अधीन जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता है। (क) प्रार्थी /अभियुक्त निष्पादित पत्र की शर्तों के अनुसार हाजिर होगा। (ख) प्रार्थी / अभियुक्त उस अपराध जैसा, जिसको करने का उस पर अभियोग या संदेह है, कोई अपराध नहीं करेगा।
(ग) प्रार्थी / अभियुक्त मामले के तथ्यों से अवगत किसी व्यक्ति को न्यायालय या किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष एसे राज्यों को प्रकट न करने के लिए मनाने के वास्ते, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः उसे कोई उत्प्रेरण, धमकी या वचन नहीं देगा या साक्ष्य को नहीं बिगाडेगा ।
इसके अतिरिक्त प्रार्थीगण/ अभियुक्तगण इस बात की अण्डरटेकिंग प्रस्तुत करे. कि वह किसी उग्र आंदोलन में भाग नहीं लेगें तथा सरकारी सम्पत्ति को क्षति नहीं पहुँचायेगें अथवा आंदोलन एवं सरकारी सम्पत्ति को नुकसानन किये जाने हेतु किसी प्रकार का कोई कारण नहीं बनेगें।
उत्तराखण्ड क्रिमनल कोर्ट प्रोसिजर प्रैक्टिस रूल 2021, नियम 33 (यथा संशोधन) के अनुक्रम में कार्यालय को आदेशित किया जाता है, कि निरूद्ध अभियुक्त को, जरिये जेल अधीक्षक, जमानत प्रार्थनापत्र, आख्या व आदेश की प्रति प्राप्त कराये जाने हेतु प्रेषित करें।