2024-05-03

जोशीमठ से सबक: हर जिले में डेंजर जोन के भवनों के आंकलन के लिए बनेगी 7 सदस्यीय कमेटी

7 MEMBER PANNEL TO REVIEW ALL DANGEROUS BUILDINGS IN ALL DISTRICTS

रैबार डेस्क:  जोशीमठ भूधंसाव की घटना से सबक लेते हुए राज्य सरकार सभी जिलों में डेंजर जोन चिन्हित करने के लिए सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही है। यह समिति खतरे की जद में आए भवनों पर अपनी रिपोर्ट देगी, इसके बाद उन भवनों को सुरक्षित किया जाएगा।

शहरी विकास एवं आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि धामी सरकार जोशीमठ आपदा के बाद राज्य के सभी जनपदों में वर्तमान में निर्मित ऐसे भवन जों भूकंप, भू-स्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि आदि की दृष्टि से जोखिम भरे भवनों की श्रेणी में आते हैं। उन्हें चिन्हित कर सुरक्षित करने को मानक संचालन प्रक्रिया संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके लिए सभी जिलों में भूकंप, भू-स्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि आदि जोखिम संभावित भवनों के चिन्हिकरण कर सुरक्षित करने को सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही है। अपने-अपने जनपदों में जिलाधिकारी इस समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि अन्य छह इसके सदस्य रहेंगे।

समिति के छह सदस्यों में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अथवा सचिव, संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी, लोकनिर्माण विभाग अथवा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता, सहायक भू-वैज्ञानिक (भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग), आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक अथवा उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि और संबंधित नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी रहेंगे।

डा. अग्रवाल ने बताया कि सात सदस्यीय समिति में आवश्यकतानुसार कोई भी संबंधित विशेषज्ञ को आमंत्रित सदस्य के रूप में नाम किया जा सकता है। यह समिति प्रत्येक जनपद में ऐसे निर्मित भवन जो जोखिम संभावित भवनों की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। जैसे कि 30 डिग्री से अधिक ढाल पर निर्मित भवन, नदियों के तट अथवा अथवा फ्लड जोन में निर्मित भवन। ऐसे असुरक्षित भवनों का भी चिन्हिकरण किया जाएगा, जिन्हें रेट्रोफिटिंग द्वारा सुरक्षित किया जा सकता है। बताया कि समिति इनके चिन्हिकरण के बाद आपदा न्यूनीकरण भवनों को सुरक्षित किये जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करेगी।

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