उत्पादों को लेकर दर-दर नहीं भटकेंगे किसान,थानो में ग्राम्य निधि ग्रोथ सेंटर की शुरुआत
ग्रामीण विकास जी धुरी बंनेंगे ग्रोथ सेंटर।
स्थानीय उत्पादों की एक जगह प्रोसेसिंग,मार्केटिंग की व्यवस्था।
स्थानीय संसाधनों पर आधारित होंगे ग्रोथ सेंटर।
देहरादूनः जहां केंद्र सरकार ऐतिहासिक कृषि संशोधन विधेयकों के जरिए किसानों के उत्पादों उचित मार्केट उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है, वहीं त्रिवेंद्र सरकार ग्रोथ सेंटर (Growth Centres) के जरिए किसानों को बाजार उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला के थानो में ग्राम्यनिधि (Gramya Nidhi) एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का उद्घाटन किया। यह ग्रोथ सेंटर जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा ग्राम्या-2 परियोजना के तहत स्थापित किया गया है। ये एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर पहाड़ी उत्पाद को बढ़ावा देने और एक स्थान पर किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए खोला गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को उत्पादन का सही मूल्य मिल सके और उनके क्षेत्र में ही बाजार उपलब्ध हो सके, इसके लिए सरकार ग्रोथ सेंटर स्थापित करने के प्रयास कर रही हैं। इस सेंटर के बनने से अब किसानों को अपने उत्पाद को लेकर कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा।
ग्रोथ सेंटर में ये है खास
इस ग्रोथ सेंटर को स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं।
मालकोटी कृषक समूह द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया।
संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है
इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
100 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत
सीएम ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए।