2024-11-03

ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बना ख्यार्सी ग्रोथ सेंटर, स्थानीय उत्पादों से 36 गावों के किसानों को मिल रहा रोजगार

टिहरी:  उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक सोच और सरकार के गंभीर प्रयासों से बड़ा बदलाव लाया ज सकता है। टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक में ख्यार्सी ग्राम पंचायत में खुला ग्रोथ सेंटर इस बात की तस्दीक कर रहा है। उत्तराखण्ड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना के तहत ख्यार्सी में स्थापित ग्रोथ सेंटर आज कई स्थानीय लोगों को रोजगार दे रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज ख्यार्सी गांव के ग्राम्यनिधि ग्रोथ सेंटर के भवन का उद्घाटन किया ।

सीएम त्रिवेंद्र गांवों को संवारने औऱ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रति संजीदा रहे हैं। इसी सोच को लेकर त्रिवेंद्रम सरकार ने ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना की, जिसका आज पहला प्रयोग सफलता से धरातल पर उतरा है। इस अवसर पर सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए प्रयासरत है। सीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए स्थानीय संसाधनों पर आधारित कुटीर उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर की जो परिकल्पना की थी, वो धरातल पर उतर रही है। वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में 96 ग्रोथ सेंटर पर काम चल रहा है।

एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर, ख्यार्सी का निर्माण जलागम प्रबंध निदेशालय द्वारा किया गया है। इस सेंटर द्वारा स्थानीय स्तर पर किसानों को स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण, कृषि निवेशों की उपलब्धता और कृषि यंत्रों की सुविधा प्रदान की जा रही है। जौनपुर क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर खुलने से आस-पास के बेरोजगार युवकों को रोजगार मिला है। गहत, मंडुवा, झंगोरा, मक्की, राजमा आदि नगदी उत्पादों को सेंटर में देकर स्थानीय युवा अच्छी आमदनी कर रहे हैं। यहां दालें, अनाज, मसाले, तेल, अचार, जैम, चटनी, स्क्वैश, सुगन्धित मोमबत्ती आदि की मार्केटिंग का कार्य किया जा रहा है। ग्रोथ सेंटर की विभिन्न गतिविधियों दर्जनों गांवों के ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। ग्रोथ सेंटर की द्वारा स्थानीय उत्पादों के क्रय से 36 ग्रामों के 707 किसान लाभान्वित हुए हैं। नई गतिविधि के रूप में स्थानीय उपलब्ध उत्पादों से बेकरी उत्पादों का निर्माण प्रारम्भ किया जा रहा है। 

*क्या होता है ग्रोथ सेंटर*

पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करके गांव में ही प्रोसेसिंग करवाना और इन उत्पादों की ब्रांडिंग करके उचित बाजार उपलब्ध करवाने की संकल्पना का नाम ग्रोथ सेंटर है। स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है। यानी क्षेत्र में जिस उत्पाद की उपलब्धता है, उसे कुटीर उद्योग के तौर पर विकसित करके उत्पादन शुरू किया जाता है। इस तरह आसपास के लोगों को इससे सीधा रोजगार मिलता है। उत्पादों की खपत लोकल मार्केट से लेकर अन्य बड़े बाजारों में भी होगी, उत्पादों के लिए मार्केटिंग चेन बनने से रोजगार भी मिलता है। इस तरह एक ग्रोथ सेंटर स्थानीय स्तर पर लोकल इकॉनॉमी जेनरेट करता है। ग्रोथ सेंटर, कृषि आधारित उत्पादों, ऊन उत्पादन, पशुपालन, मछलीपालन, दुग्ध उत्पादन, बागवानी उत्पादों, मसालों, सगंध पौधों पर आधारित हो सकते हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत में एक ग्रोथ सेंटर विकसित करने की योजना बना रही है, जिसमें से 96 ग्रोथ सेंटर स्थापित हो चुके हैं। ग्रोथ सेंटर को एमएसएमई नीति के तहत उचित प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।

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