माउंट त्रिशूल पर भयंकर हिमस्खलन, नेवी दल के 5 जवान व एक पोर्टर लापता, तलाश जारी
रैबार डेस्क: इस वक्त एक दुखद खबर आ रही है। उत्तराखंड में स्थित माउंट त्रिशूल पर आरोहण के लिए गया भारतीय नौसेना का 5 सदस्यीय दल भयंकर हिमस्खलन (5 navy jawan and a Porter missing after heavy avalanche on mount trishul) की चपेट में आ गया है। एवलांच में जवानों के साथ एक पोर्टर भी फंसा है। उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतरोहण संस्थान (निम) से के प्रिंसिपल अजय बिष्ट के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई है।
कर्नल अजय बिष्ट के मुताबिक उन्हें ये सूचना नेवी की एडवेंचर विंग से आज सुबह करीब 11 बजे मिली, जिसमें उन्होंने निम की सर्च एडं रेस्क्यू टीम से मदद मांगी। कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि नौसेना के पर्वतारोहियों का 20 सदस्यीय दल करीब 28 दिन पहले 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। शुक्रवार सुबह दल चोटी के समिट के लिए आगे बढ़ा। इसी दौरान हिमस्खलन हुआ है, जिसकी चपेट में नौसेना के पांच जवान पर्वतारोही और एक पोर्टर आ गए। सूचना के बाद उत्तरकाशी से हेलीकाप्टर के जरिये निम की सर्च एंड रेस्क्यू टीम रवाना हुई। यह घटना शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे हुई है। यह सभी अभी लापता बताए जा रहे हैं।
भारतीय नौसेना के मुताबिक 3 सितंबर को यह दल मुंबई से हरी झंडी दिखाकर 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी को फतह करने के लिए रवाना किया गया था। शुक्रवार को सुबह इसमें से 10 सदस्यों की टीम माउंट त्रिशील फतह करने निकली लेकिन इनमें से 5 जवान एलांच की चपेट में आ गए। बाकी के 5 जवान सुरक्षित हैं वहीं बाकि 5 लापता है। लापता जवानों की तलाश में हेलिकॉप्टर के जरिए निम की टीम के साथ साथ आर्मी , एय़रफोर्स, एसडीआरएफ की टीमें भी जुटी हैं।
माउंट त्रिशूल
माउंट त्रिशूल या त्रिशूल चोटी
7,120 मीटर ऊंचाई पर बागेश्वर -चमोली जिले की सीमा पर स्थित है।इस चोटी के आरोहण के लिए चमोली जनपद के जोशीमठ और घाट के लिए पर्वतारोही टीमें जाती हैं। नौसेना के पर्वतारोहियों की टीम भी घाट होते हुए त्रिशूल के लिए निकली थी। तीन चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल कहते हैं।