2024-05-06

16 महीने की कानूनी जद्दोजहद के बाद राजीव भरतरी ने संभाला वन विभाग के मुखिया का चार्ज

rajiv bharatari takes charge as hoff uttarakhand

रैबार डेस्क: 16 महीने की कानूनी लड़ाई और मंगलवार को 3 घंटे के ड्रामे के बाद राजीव भरतरी ने वन विभाग के मुखिया का पद संभाल लिया। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शासन ने भरतरी की पद बहाली के आदेश जारी करने में देरी की, लेकिन दोपहर डेढ़ करीब सवा एक बजे पद संभालने पर राजीव भरतरी मीडिया से भी मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को भी सामने रखा। After 16 month struggle and dramatic turn, Rajiv bharatari takes charge as HoFF Uttarakhand

बता दें कि नवंबर 2021 में सरकार ने वन विभाग के एक सामान्य नोट पर भरतरी को पीसीसीएफ पद से हटा दिया था। उन्हें वाइल्ड लाइफ बोर्ड में भेज दिया गया था। भरतरी ने कहा था कि उन्हें राजनीतिक कारणों से पद से हटाया गया है, यह उनके आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। भरतरी ने CAT में फैसले को चुनौती दी थी, CAT ने भरतरी के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन तभ भी उनकी पद पर बहाली नहीं हुई। इसके बाद भरतरी हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट ने सरकार को मंगलवार 10 बजे तक भऱतरी को पद का चार्ज देने के आदेश दिए थे।

मंगलवार को दिनभर वन मुख्यालय में गहमागहमी रही

मीडिया से बात करते हुए भरतरी ने कहा कि ये मामला संवैधानिक अधिकारों का था, जिसके लिए उन्हें 16 महीने तक संघर्ष करना पड़ा, लेकिन अब उन्हें संतोष है। भरतरी ने कहा कि उन्हें क्यों हटाया गया इसके पीछे कई कारण थे, लेकिन उन पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। भरतरी ने कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज बहुत सेंसिटिव रेंज है। वहां जब हजारों पेड़ काटे जाने की खबरें आई तो ये पूर वन महकमे के लिए काफी असहज करने वाला था। भरतरी से जब पूछ गया कि ये सब आपकी नाक के नीचे होता गया, भरतरी ने कहा कि मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया और इस पर उचित एक्शन लेने की हिम्मत दिखाई।

पदभार ग्रहण करते HoFF राजीव भरतरी

आफको बता दें कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाना चाहते थे। इसके लिए वहां हजारों पेड़ काट दिए गए। उस समय वन विभाग के मुखिया भरतरी ने मामले पर जांच बिठाई, लेकिन कुछ समय बाद उनका तबादला हो गया था। इसीलिए इस पूरे मामले को हरक सिंह रावत से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

स्टाफ मेंबर ने राजीव भरतरी का स्वागत किया

भरतरी ने माना कि वन विभाग में अभी बहुत सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने ये भी माना कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई वन विभाग से संबंधित नीतियों में भी संशोधन जरूरी है। भरतरी ने कहा कि उनका बहुत कम कार्यकाल बचा है, इसलिए कोशिश रहेगी कि हम प्रोएक्टिव होकर अपने उद्देश्यों को पूरी करने में लगें।

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