Assembly Election: पौड़ी सीट पर भाजपा कांग्रेस की टक्कर से पहले टिकट पाने के लिए दर्जनों उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला
रैबार डेस्क: राज्य को 5-5 मुख्यमंत्री देने वाले पौड़ी गढ़वाल जिले की पौड़ी (सुरक्षित) सीट पर चुनावी माहौल गर्म है। यहां दो मुख्य पार्टियों में मुकाबले से पहले पार्टियों के भीतर डेढ़ दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों में टिकट (Battles within parties to get ticket from Pauri seat) पाने का घमासान है। भाजपा में टिकट की होड़ है तो कांग्रेस में भी यही हाल हैं।
भाजपा में तीन दावेदारों में टक्कर
पौड़ी सीट से वर्तमान में भाजपा के मुकेश कोली विधायक हैं। 2017 मे मोदी लहर में मुकेश कोली ने अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज की है। लेकिन इस बार तस्वीर उलट है। कोली को टिकट बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। हाल के दिनों में विधायक मुकेश सिंह कोली के विरोध में कार्यकर्ताओं का एक खेमा खुलकर उतर आया है। वे प्रदेश संगठन पर कोली का टिकट काटने का दबाव बना रहे हैं। उनका कोली पर उनकी उपेक्षा का आरोप है।
कोली का विरोध देखते हुए पूर्व में यही से चुनाव लड़ चुके हास्य कलाकार घन्ना नंद सक्रिय हो गए हैं। घन्ना भाई ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है औऱ दावा किया है कि अगर पार्टी उन पर भरोसा जताए तो वे फिर से इस सीट को भाजपा की झोली में डालेंगे। घन्नानंद त्रिवेंद्र सरकार में सस्कृति एवं कला परिष्द के अध्यक्ष के तौर पर राज्यमंत्री रह चुके हैं।
एक और नाम जो टिकट की दौड़ में खामोशी से अपना काम कर रहा है, वो नाम है राजकुमार पोरी का। राजकुमार पोरी सांसद प्रतिनिधि हैं और पूर्व में भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। युवाओं के बीच उकी भी अच्छी पकड़ है। पोरी औऱ विधायक कोली में 36 का आंकडा माना जाता है।
उधर श्रीनगर से पूर्व बृजमोहन कोटपाल की पत्नी विजयलक्ष्मी ने भी दावेदारी पेश कर दी है। विधायक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को फीडबैक मिला है उससे ये माना जा रहा है कि इस बार सिटिंग एमएलए का टिकट कटना तय है। हालांकि देखना होगा कि कौन इस बार कमल निशान का उम्मीदवार बनेगा।
कांग्रेस में दर्जनभर उम्मीदवारों में संघर्ष
जो हाल भाजपा के हैं, वही हाल कांग्रेस के भी दिख रहे हैं। यहां तो टिकट के लिए एक नहीं, दो नहीं बल्कि 13 लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है। नवल किशोर इस रेस में फिलहाल सबसे आगे दिख रहे हैं। नवल किशोर पिछला चुनाव हार चुके हैं। वर्तमान विधायक मुकेश कोली के क्षेत्र से ही आते हैं और कोट के ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। अनुभव को देखते हुए उन्हें पार्टी में स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है, लेकिन क्या कांग्रेस के हाईकमान के दिल में इस बार कुछ और है, ये देखना दिलचस्प होगा।
एक और अन्य नाम जो कांग्रेस से चिटक पाने की होड़ में है वो है, विनोद धनोसली का। धनोसी युवाओँ के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं। समाज के मुद्दों को प्रखरता से उठाते रहे हैं औऱ एक्टिव रहते हैं। फिलहाल जिलसा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।
टिकट के अन्य दावेदारों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्या का नाम भी है। तामेश्वर आर्या प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के करीबी हैं। इसलिए उम्मीद कर रहे हैं कि उनको ही टिकट मिलेगा। कांग्रेस से टिकट के अन्य दानवेदारों की बात करें तो जिलाध्यक्ष एनएसयूआई गौरव सागर, पूर्व जिला महामंत्री संगठन वीर प्रताप सिंह आर्य, पूर्व विधान सभा सचिव जगदीश चंद्रा, सेवानिवृत्त आईएएस सुंदरलाल मुयाल,, हर्ष लाल, केशवानंद आर्य, प्रमोद मंद्रवाल, वीरबल मंडागी के साथ दो महिला प्रत्याशी पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री अरुणा कुमार व कवियत्री डा. ऋतु सिंह का नाम शामिल हैं।
पौड़ी विधानसभा के आरक्षित रहने का यह तीसरा टर्म है। यानी 2027 के चुनाव में पौड़ी सीट सामान्य हो जाएगी। इसलिए दोनों बडी पार्टियों में टिकट के लिए होड़ मची है।