कमाल: यहां युवाओं ने भांग से बना डाली इमारत, पूर्व CM ने किया उद्घाटन
रैबार डेस्क: युवाओं में इनोवेटिव सोच और तकनीक का साथ हो तो कुछ भी असंभव नहीं। पौड़ी गढ़वाल के 2 युवाओं ने भी ऐसा जज्बा दिखाया और अपनी तरह का पहला प्रयोग उत्तराखण्ड में कर दिखाया। यमकेश्वर के फलदाकोट मल्ला में (building made up of industrial hemp in pauri yamkeshwar) भांग के रेशों से बनी बिल्डिंग यानी हिमालयन हेम्प इको स्टेट प्रोजेक्ट तैयार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया।
ऐसी है भांग से बनी बिल्डिंग
स्थानीय उत्पादों के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण बनी इस बिल्डिंग में हेम्प की लकड़ी एवं रेशे से मोनोलिथ वाल्स, ब्लॉक मेसनरी, वाल प्लास्टर और रूफ इंसुलेशन का निर्माण कार्य किया गया है। हेम्प के बीज के तेल से इस भवन की लकड़ियों पर पोलिश किया गया है। और खास बात यह है कि इस इमारत में उपयुक्त चादर, तकिये कवर, इत्यादि भी हेम्प के रेशे से निर्मित उपयोग में लाये गए हैं। यानी इसे भांग से बनी बिल्डिंग कहें तो गलत नहीं होगा।
यहाँ गढ़वाल की पारंपरिक वास्तु शैली को आधुनिक हेम्पक्रेट टेक्नोलॉजी के साथ प्रयोग में लाया गया है। इस भवन में 3 मेगावाट के सोलर पेनल्स लगे हैं जो इमारत पर खपत होने वाली रोज़मर्रा बिजली खुद पैदा करने में सक्षम है। वेस्ट वाटर को भी किचन गार्डन में डाइवर्ट किया गया है। बिल्डिंग में तड़ित चालक यंत्र लगा हुआ है जिससे आस पास की इमारतें भी बिजली से सुरक्षित रहेंगी।
इमारत के उद्घाटन पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि इसमें स्थानीयता को प्रोत्साहन और कम संसाधनों का बेहतर उपयोग कर कई समस्याओं को समाधान आसानी से किया जा सकता है। कार्य की यह संस्कृति हर जगह अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने हिमालयन हेम्प इको स्टेट की पूरी टीम को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट रोजगार सृजन में कारगर होगा और स्थानीय उत्पादों को इससे बढ़ावा मिलेगा।