इगास की छुट्टी बनाम नमाज की छुट्टी, CM धामी और हरीश रावत आमने सामने
रैबार डेस्क: उत्तराखण्ड में चुनाव नजदीक आते देख आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। सीएम पुष्कर धामी ने इगास पर अवकाश घोषित करके पब्लिक सेंटीमेंट भुनाने की कोशिश की तो हरीश रावत ने इस पर तंज कसा दिया। अब सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने शुक्रवार को नमाज की छुट्टी दी, (Igas holiday vs namaz holiday cm dhami and harish rawat locks horns) उन्हीं को इगास के अवकाश पर एतराज हो रहा है।
दरअसल पूर्व सीएम हरीश रावत ने तंज कसा था कि चूंकि इगास की छुट्टी रविवार को दी गई है, इसलिए यह केवल चुनावी स्टंट है। भाजपा ने पिछले 4 साल इगास की छुट्टी क्यों नहीं दी। इस पर पलटवार करते हुए पिथौरागढ़ में एक कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि हमने रविवार की बजाय सोमवार को इगास का अवकाश दिया है, ताकि लोग खुलकर अपने पांरपरिक त्योहार मना सकें, लेकिन इस पर वो लोग एतराज कर रहे हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में शुक्रवार को नमाज की छुट्टी घोषित की थी।
झूठ बोलना बीजेपी की खानदानी परंपरा: हरदा
सीएम के तंज पर हरीश रावत बिलबिलाए हैं। हरीश रावत ने फेसबुक पर लिखा है कि बीजेपी को झूठ बोलने की खानदानी परंपरा सी हो गई है। हरीश रावत के मुताबिक पहले भाजपा के कार्यकर्ता, फिर अमित शाह और अब सीएम धामी नमाज की छुट्टी को लेकर झूठ बोल रहे हैं। हरीश रावत ने चुनौती दी है कि भाजपाई नमाज को छुट्टी देने का आदेश दिखाएं। हरदा ने भाजपाइयों को गोएबल्स की संतान करार दिया है।
दरअसल हरीश रावत ज़ब सीएम थे तब कैबिनेट ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को डेढ़ घंटे नमाज के अवकाश देने पर विचार किया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसका शासनादेश जारी हुआ या नहीं। लेकिन बीजेपी हरीश रावत की इस कमजोर नस को बार बार दबाकर उन्हें घेरती रहती है।