2024-05-04

रैबार डेस्क:  उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में अचानक तेजी से बढ़ोतरी हुई है। दो दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि की घटनाएं रोकने के लिए नोडल अफसर तैनात करने और ठोस एक्शन लेने के निर्देश दिए थे, बावजूद इसके सोमवार के दिन प्रदेशभर में 52 से ज्यादा वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई हैं। आग बुझाने में वनकर्मियों के पसीने छूट रहे हैं।

सोमवार को गढ़वाल से कुमाऊं तकउत्तराखंड के जंगल जगह जगह धधकते दिखे। 24 घंटों में राज्य भर के जंगलों में कुल 52 जगहों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज हुई। इसमें 14 घटनाएं गढ़वाल मंडल में हुई तो वहीं 35 घटनाएं कुमाऊं मंडल के जंगलों के रिकॉर्ड हुई। इसके अलावा तीन घटनाएं वन्य जीव संरक्षित वन क्षेत्रों में मिली। वनाग्नि की इन घटनाओं में कुल 76.65 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुए जिसमें 165,300 रुपए की आर्थिक क्षति रिकॉर्ड की गई है।

आंकड़े चिंताजनक इसलिए भी हैं क्योंकि आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने और ड्राई सीजन होने के चलते वनाग्नि की घटनाएं बढ़ सकती हैं। प्रदेश में 1 नवंबर से अब तक आग लगने की कुल 431 घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं। गढ़वाल मंडल वाले वन क्षेत्र में 177 घटनाएं हुई हैं तो कुमाऊं मंडल के जंगलों में 215 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। उधर वन्य जीव संरक्षित वन क्षेत्र में 39 जगह पर आग लगने की शिकायतें मिली हैं। इस तरह 5 महीने से ज्यादा समय में राज्य के 516.92 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुए, जिसमें अब तक राज्य को 1,113,451 रुपए का नुकसान हो चुका है।

वनाग्नि की घटनाओं के लिए वन विभाग के नोडल ऑफिसर निशांत वर्मा ने बताया कि जंगलों में लग रही आग को लेकर विभाग पूरी तरह से संवेदनशील है और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उधर वन विभाग की तरफ से पहले ही विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में जंगलों की आग को लेकर अतिरिक्त तैयारी भी की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed