खिलाड़ियों की उम्मीदों को लगा झटका, स्पोर्ट्स कोटे से जॉब का प्रस्ताव कार्मिक विभाग ने लौटाया

रैबार डेस्क: राज्य में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी और आउट ऑफ टर्म प्रर्मोशन की आस लगाए खिलाड़ियों की उम्मीदों को झटका लगा है। कार्मिक विभाग ने खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में आरक्षण देने के संबंध में खेल निदेशालय का प्रस्ताव वापस लौटा दिया है। कार्मिक ने खेल विभाग को खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में चार प्रतिशत आरक्षण देने और आउट आफ टर्न प्रोमोशन देने के संबंध में स्पष्ट मंतव्य देने को कहा है। department of personnel returned proposal of sports quata job to sports department, setback for athletes
प्रदेश सरकार ने खेल नीति में खिलाड़ियों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। खेल नीति में किए गए प्रविधानों को लेकर एक-एक कर शासनादेश जारी हो रहे हैं। इसमें सबसे अहम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त करने वालों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देना इसके साथ ही खेल नीति में आउट आफ टर्न प्रोमोशन देने की व्यवस्था भी की गई है। इस संबंध में कुछ दिनों पूर्व सचिव कार्मिक शैलेश बगोली की खेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में खेल नीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
लेकिन कार्मिक विभाग ने खेल विभाग को खेल कोटे से भर्ती और आउट आफ टर्न प्रोमोशन दिए जाने पर स्पष्ट मंतव्य पूछा है। कार्मिक ने खेल विभाग के उस तर्क को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने महिला आरक्षण की तर्ज पर ही खिलाड़ियों को आरक्षण देने की व्यवस्था करने की बात कही। कार्मिक विभाग ने स्पष्ट किया कि दोनों में व्यवस्थाएं अलग-अलग हैं। ऐसे में खेल विभाग सुस्पष्ट मंतव्य के साथ यह प्रस्ताव दे कि पहले क्षैतिज आरक्षण पर आगे बढ़ा जाए या फिर आउट आफ टर्न प्रोमोशन पर। यदि आरक्षण दिया जाना है तो यह शासनादेश के माध्यम से हो सकता है अथवा इसके लिए कानून लाना पड़ेगा।
बता दें कि पिछले दिनों एथलीट मानसी नेगी ने स्पोर्ट्स कोटे के तहत नौकरी की मांग की थी। इसके जवाब में खेलमंत्री रेखा आर्या ने फेसबुक मानसी नेगी को दी जा रही सुविधाओं का बखान कर डाला था।