2024-05-05

इन तीन विकल्पों के तहत होगा जोशीमठ का पुनर्वास, भू धंसाव प्रभावितों के राहत पैकेज को कैबिनेट की मंजूरी

joshimath rehabilitation policy

रैबार डेस्क:  धामी सरकार की  कैबिनेट बैठक में जोशीमठ भू धंसाव से प्रभावित क्षेत्र के लिए राहत पैकेज और स्थाई पुनर्वास नीति पर मुहरलग गई है। सरकार प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए नियम तय किए हैं। 5 स्लैब के मुताबिक ही व्यावसायिक भवनों को मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के स्थाई पुनर्वास के लिए 3 विकल्प सुझाए हैं।  हालांकि, जोशीमठ में भूमि मुआवजा दर का मामला तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के बाद अगली कैबिनेट में लाया जाएगा।dhami cabinet approves joshimath rehabilitation policy

पुनर्वास के ये तीन विकल्प होंगे

प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प रखे गए हैं. जिसमें से वो एक विकल्प चुन सकते हैं।

पहले विकल्प के तहत आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर और भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर ले सकते हैं।

दूसरे विकल्प के तहत आपदा प्रभावित भवन का मुआवजा हासिल करते समय आवासीय भवन के निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी (50 मीटर भवन निर्माण और 25 मीटर गौशाला/अन्य कार्यों के लिए) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है।

तीसरे विकल्प के तहत आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है. अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार की ओर से भवन निर्माण कर दिया जाएगा और 25 मीटर भूमि गौशाला/अन्य कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी

दुकानों, ढाबों,व्यावसायिक भवनों के लिए

क्षतिग्रस्त व्यवसायिक भवन / दुकान हेतु भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मी0 तक की भूमि प्रदान की जायेगी।

आपदा प्रभावित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी द्वारा निर्मित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है, तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करते हुये उपलब्ध करायी जायेगी।

किराए की दुकान वालों को एकमुश्त मुआवजा

किराए पर रहने वाले परिवारों के रोजगार के लिए व्यवस्था किए जाने का भी प्रावधान है। जिसके तहत यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक साल से अधिक समय से आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराए पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है या उसकी दुकान और भवन असुरक्षित होने से उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे लोगों को एकमुश्त 2 लाख रुपए रुपए दिए जाएंगे. वहीं, रेट्रोफिटिंग क्षति के लिए व्यवस्था तकनीकी संस्थानों की ओर से किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार किया जाएगा

ये होंगी मुआवजा लेने की शर्तें

1.  यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि / भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो ऐसे परिवारों को सरकारी विभागों द्वारा प्रदत्त विभिन्न देयक बिलों यथा-विद्युत बिल, जलकर, सीवर कर भवन कर आदि के साथ ही शपथ-पत्र के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जायेगा। उक्त देयकों के बिल दिनांक 02 जनवरी, 2023 से पूर्व के होने आवश्यक है।

2. भूमि की राहत राशि के भुगतान से पूर्व यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि उनके द्वारा भूमि से सम्बन्धित समस्त देयतायें पूर्ण कर दी गई हो। सम्बन्धित विभागों के द्वारा इस सम्बन्ध में No Dues Certificate देने के उपरान्त ही सम्बन्धित प्रभावितों को राहत राशि का अन्तिम भुगतान किया जायेगा।

3. प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों को स्वीकृत धनराशि सर्वेक्षण टीम के द्वारा किये सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जायेगी।

4. पुनर्वास पैकेज / राहत सहायता के भुगतान से पूर्व प्रभावित परिवारों को पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि रू0 1,00,000/- (एक लाख रूपये मात्र ) / गृह अनुदान (यदि कोई हो) का समायोजन कर लिया जाए।

5. प्रभावित हुए भूमि / भवन / दुकान के स्वामी द्वारा चाहे गये विकल्प के अनुसार मुआवजा दिये जाने का कार्य तथा भूमि / आवास / दुकान आवंटन का कार्य उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।

 6. मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।

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