2024-04-29

अंकिता मर्डर केस से लगा डेंट लेकिन इन बडे़ फैसलों से भरे रहे धामी सरकार के दो साल

रैबार डेस्क:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने दोसा पूरे कर लिए हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव के बाद 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री धामी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पिछले 24 महीनों में धामी सरकार ने यूसीसी, नकल विरोधी कानून, जैसे कई ऐतिहासिक कानून बनाए, राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियां दी, लेकिन लचर कानून व्यवस्था ने सरकार को बार बार कठघरे में खड़ा किया। अंकिता भंडारी के मामले पर सरकार पर सवाल उठते रहे। बनभूलपुरा कांड में इंटेलिजेंस फेल्योर सामने आई।

बहरहाल धामी सरकार के दो साल पूरे होने पर भाजपा राज्यभर में गोष्ठियों का आयोजन कर रही है। आचार संहिता लगने की वजह से बड़े कार्यक्रम नहीं हो रहे, इसलिए गोष्ठियों के जरिए राज्य सरकार की उफलब्धियों को जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। देहरादून में पार्टी कार्यालय में शनिवार को मुख्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें सीएम धामी भी मौजूद रहे। भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया सरकार के 2 साल पूरे होने पर प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यतः जिला मुख्यालय पर और इसके अलावा कई अन्य जगहों पर भी संगठन तमाम कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। जिनके माध्यम से  जनहित में लिए गए तमाम फैसलों जिन में सख्त नकल विरोधी कानून, यूसीसी का गठन, धर्मांतरण कानून और लैंड जिहाद का मामला हो इस पर सरकार द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। इन सभी मुद्दों को जनता के बीच पहुंचाया जा रहा है।

सीएम ने जताया आभार

दूसरे कार्यकाल के दोसा पूरे होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की जनता का आभार जताया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, प्रिय राज्यवासियों, एक बार फिर, मुझे राज्य की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं! मैं राज्य आंदोलन के उन सभी शहीदों को नमन करता हूं, जिनके सपने हम उत्तराखंड में साकार करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने मुझे दूसरी बार सेवा का अवसर देकर इतिहास बदल दिया. विधानसभा चुनाव में जीत मेरे लिए बेहद भावुक क्षण था. उसी क्षण मैंने जीवन भर के लिए खुद को आपकी सेवा में समर्पित करने का संकल्प ले लिया। मुख्यमंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इन्वेस्टर्स समिट से उत्तराखंड चौमुखी विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। सीएम धामी वे कहा उनकी सरकार ने नकल विरोधी कानून , धर्मांतरण कानून और यूसीसी को लेकर ऐतिहासिक फैसले लिये हैं।

2 साल में ये बड़े फैसले

नकल विरोधी कानून पेपर लीक की घटनाओं से सबक लेते हुए धामी सरकार नेपहली बार राज्य मे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया। परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने और नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए नकल विरोधी कानून लागू है। इस कानून के तहत नकल माफिया को आजीवन कारावास या फिर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही ऐसे पेपर लीक करने वाले नकल माफिया के खिलाफ 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

दंगा विरोधी कानून- इसके तहत दंगाइयों से ही नुक्सान की भरपाई की जाएगी। क्षति ग्रस्त संपत्ति की भरपाई के अलावा 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्चा भी भरना होगा। मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट ने इसे लेकर एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन की मंजूरी दे दी है।

समान नागरिक संहिता- उत्तराखंड में जल्द समान नागरिक संहिता लागू होगी। ऐशा करने वाला उत्तराखऱंजड दजेश का पहला राज्य बनेगा। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद इसे राष्टट्रपति से भी हरी झंडी मिल गई है। अब कानून की नियमावली बनाई जा रही है। इस कानून के तहत सभी धर्मों, समुदायों के लोगों के लिए शादी, तलाक,गोद लेने, संपत्ति में अधिकार के समान कानून लागू होंगे। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

धर्मांतरण कानून- राज्य में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए धामी सरकार ने सबसे सख्त धर्मांतरण कानून भी लागू किया। जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन पर 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

रोजगार ने पकड़ी रफ्तार- धाम सरकार के कार्यकाल में लोक सेवा आयोग के जरिए 6635 युवाओं को पिछले दो सालों में रोजगार दिया गया है। जबकि 22 साल में 7600 युवाओं को ही रोजगार दिया गया था। युवाओं को रोजगार देने की प्रक्रिया गतिमान है।  सरकार इस साल के अंत तक 25 हजार युवाओं को सरकारी से नौकरी देने के प्लान पर काम कर रही है।

इन मुद्दों पर हुई किरकिरी

अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद सरकार सवालों के घेरे में रही। अंकित के परिजनों का आरोप है कि सरकार वीआईपी को बचा रही है। उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा। हालांकि सरकार ने इस घटना से सबक लेते हुए पटवारी व्यवस्था को खत्म करने का बड़ा कदम उठाया। 20 नए थाने और चौकियां खोलने की घोषणा की। वनंतरा रिजॉर्ट में जेसीबी चलाने में जल्दबाजी पर भी सरकार और स्थानीय विधायक सवालों के घेरे में रही।

पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग को लेकर हजारों युवा परेड ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे थे। 9 फरवरी 2023 को पत्थरबाजी औऱ लाठीचार्ज के बाद हालात बिगड़ गए। पुलिस के एक्शन की आलोचना हुई।

इसके अलावा कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठते रहे। अंकिता हत्याकांड, काशीपुर में मर्डर, लक्सर में पुलिसकर्मी पर हमला, डोईवाला में मंत्री के भाई के घर चोरी और राज्य स्थापना दिवस के दिन देहरादून में सरेआम लूट की वारदात से सनसनी फैल गई।

बनभूलपुरा मामले में भी स्थानीय प्रशासन की लापरवाही दिखी। क्या वहां इंटेलिजेंस फेल्योर था, अगर नहीं था तो पूरे प्लान के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस पर सवाल उठे।

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