दून को 50 साल तक ग्रेविटी वाटर देने वाली सौंग बांध परियजोना को पर्यावरणीय मंजूरी मिली, CM ने जताया आभार
देहरादून: देहरादून को करीब 50 सालों तक चौबीसों घंटे ग्रेविटी वाटर (Gravity Water) उपलब्ध कराने के प्रयासों को एक बडी सफलता मिली है। त्रिवेंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सौंग बांध परियोजना (Saung Dam Project) को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है। सीएम त्रिवेंद्र ने इसके लिए पर्यावरण मंत्री का आभार व्यक्त किया है और उम्मीद जताई है कि अब परियजोना के निर्माण में तेजी से काम होगा।
देहरादून जिले की सौंग नदी पर करीब 1200 करोड़ की लागत से सौंग बांध परियोजना बनाई जानी है। इस परियोजना के लिये नीति आयोग से वित्तीय मदद का आग्रह किया गया है। सौंग बांध की झील लगभग 76 हेक्टेयर की होगी। देहरादून में सौंधाना गांव के समीप प्रस्तावित यह परियोजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फॉरेस्ट एडवायजरी कमेटी की ओर से सौंग बांध को पर्यावरणीय मंजूरी दी गई है। सौंग परियोजना से जुड़ी एक खास बात यह भी है कि इस परियोजना में मानव आबादी का बहुत कम विस्थापन होगा।
कुछ समय पहले ही केंद्रीय जल आयोग ने सौंग बांध के डिजाइन को मंजूरी दी थी। मूल रूप से सौंग नदी पर बनने वाले इस बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है और इससे 6 मेगावाट तक की बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का उद्देश्य है कि सौंग बांध से न सिर्फ देहरादून को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध हो, बल्कि इसके जरिए रिस्पना नदी को भी पुनर्जीवन किया जाए। सौंग बांध के अतिरिक्त पानी को रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा जिससे विलुप्त होती जा रही र्सि्पना नदी अपने पुराने स्वरूप में लौट सकेगी।