2024-04-29

ऋषिकेश एम्स ने गजब कर दिया, पहली बार रोबोटिक सर्जरी से किया लिवर कैंसर का इलाज

रैबार डेस्क:  ऋषिकेश एम्स मेडिकल के क्षेत्र में रोज नए कीर्तिमान रच रह है। एम्स के डॉक्टरों ने  लिवर में कैंसर से ग्रसित 35 साल के मरीज की रोबोटिक तकनीक से सफल सर्जरी की है। मरीज को ऑपरेशन के पांच दिन बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। यह पहला मौका है जब उत्तराखंड में किसी मरीज के लिवर में बने ट्यूमर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी तकनीक का उपयोग किया गया है।

एम्स ऋषिकेश से मिली जानकारी के अनुसार, रुद्रप्रयाग के दरमोला गांव निवासी 34 साल के लक्ष्मण सिंह पिछले तीन महीने से बुखार से ग्रसित थे, जिन्होंने एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों को दिखाया। एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनीता सुमन ने बताया कि ओपीडी के माध्यम से हुई विभिन्न जांचों के आधार पर मरीज को पता चला कि वह लिवर कैंसर से संबंधित दुर्लभ बीमारी लिवर मैलिग्नेंट मेसेनकाइमल ट्यूमर से ग्रसित है। डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर का यह रूप खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका था, यह एक जीवनघातक बीमारी होती है और इसकी वजह से लिवर में गांठ बन जाती है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए विभाग के वरिष्ठ सर्जन व हेड डॉ. निर्झर राज ने निर्णय लिया कि मरीज को त्वरित आराम दिलाने के लिए लिवर रिसेक्शन सर्जरी की जानी जरूरी है।

पहले रोबोटिक सहायता से मरीज की राइट पोस्टीरियर सेक्शनेक्टॉमी की गई, इस प्रक्रिया द्वारा कैंसर से प्रभावित लिवर के लगभग 35 प्रतिशत हिस्से को सावधानीपूर्वक अलग किया गया। सर्जरी करने वाली टीम के दूसरे सदस्य और विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश अरोड़ा ने प्रमुख रक्त वाहिकाओं के आपस में बहुत निकट होने के कारण लिवर रिसेक्शन सर्जरी में आवश्यक सटीकता के बारे में बताया और कहा कि रोबोटिक तकनीक से की जाने वाली सर्जरी द्वारा आस-पास के अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका बहुत कम होती है। उन्होंने बताया कि यह बहुत कठिन था, लेकिन टीम वर्क से की गई यह सर्जरी पूर्ण रूप से सफल रही।  एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस सफल सर्जरी के लिए सर्जिकल टीम की दक्षता की सराहना की और कहा कि स्वास्थ्य देखभाल में यह सर्जरी एम्स ऋषिकेश की उत्कृष्टता का प्रमाण है।

क्या है रोबोटिक सर्जरी

रोबोटिक सर्जरी से रोगी की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करते हुए बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। सामान्य सर्जरी में पेट में लंबे चीरे लगाने पड़ते हैं और मरीज को ऑपरेशन के बाद 10-15 दिनों तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है। जबकि रोबोटिक तकनीक से की गई सर्जरी में रोगी जल्द रिकवर होता है। यहीं ही नहीं उसे 5 से 7 दिनों में ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।रोबोटिक सर्जरी समान्य सर्जरी की अपेक्षा ज्यादा सटीक रहती है। इसमें रोग से प्रभावित अंग 10 गुना बेहतर दिखाई देते है। जिस वजह से रोबोटिक्स से जटिलतम स्थानों की सर्जरी भी की जा सकती है।

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