27 के समर के लिए कांग्रेस ने गोदियाल को बनाया सेनापति, प्रीतम-हरक को मिली बड़ी जिम्मेदारी, जिलों की टीम भी घोषित
रैबार डेस्क: 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए गणेश गोदियाल को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है। गोदियाल के अलावा प्रीतम सिंह को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन व पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। गोदियाल के हाथ मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने 27 जिलाअध्यक्षों और नगर अध्यक्षों की सूची भी जारी की है।
गणेश गोदियाल 2022 के चुनाव तक कांग्रेस अध्यक्ष थे, लेकिन हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गोदियाल ने इस्तीफा दे दिया था। तब करण माहरा को अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन माहरा के अध्यक्ष रहते कई वरिष्ठ लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे। इसलिए को एक ऊर्जावान नेतृत्व की दरकार थी। आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने फिर से गोदियाल को सेनापति बना दिया। गोदियाल के अलावा कांग्रेस ने दिग्गजों को भी बड़ी भूमिकाएं सौंपी हैं। वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 2022 में कांग्रेस में वापसी के बाद हरक सिंह को पहली बार बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
हरदा हाशिए पर!
उत्तराखंड कांग्रेस की नई टीम की घोषणा के साथ अभी तकजो तस्वीर उभर तकर सामने आई है, उसमें पूर्व सीएम हरीश रावत का कहीं नाम नहीं है। हालांकि जिला अध्यक्षों और शहर अध्यक्षों की सूची में ज्यादातर लोग हरीश रावत खेमे के हैं। लेकिन हरदा के करीबी नेताओँ को फिलहाल कोई बड़ा पद नहीं मिला है। 2027 के लिए इलेक्शन कमेटी और कंपेन कमेटी को सबसे अहम माना जा रहा है, इन दोनों पदों पर हरदा से वैचारिक मतभेद रखने वाले हरक सिंह रावत और प्रीतम सिंह को जगह मिली है।
कांग्रेस का लड़ाका है गोदियाल
पिछले कुछ समय से कांग्रेस नेतृत्व कार्यकर्ताओं में जोश भऱने के लिए एक ऊर्जावान नेतृत्व की तलाश कर रहा था। माना जा रहा था कि गोदियाल या प्रीतम सिंह को ये जिम्मेदारी मिल सकती है। आखिरकार हाईखमान ने गोदियाल कोचुना।
गणेश गोदियाल के राजनीतिक इतिहास पर नजर डाले तो गोदियाल ने साल 2002 में थैलीसैंण विधानसभा सीट से रमेस पोखरियाल निशंक को हराकर पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2007 में गोदियाल को निशंक के हाथों हार मिली, लेकिन 2012 में परिसमीन से जब थैलीसैंण सीट खत्म हो गई तो गोदियाल ने श्रीनगर से वापसी करते हुए शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद 2017 और 2022 में गोदियाल विधानसभा चुनाव हार गए लेकिन पार्टी में उनका कद बढ़ता चला गया। प्रीतम सिंह के अध्यक्ष पद से हटने के बाद 2021 में गोदियाल को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि तब कांग्रेस की नैया पारलगाने के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला।
खांटी पहाड़ी अंदाज
गणेश गोदियाल कभी सतपाल महाराज के करीबी माने जाते थे। हालांकि सतपाल महाराज के भाजपा में शामिल होने के बाद गोदियाल को कांग्रेस में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। साल 2024 में गणेश गोदियाल गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। सामने भाजपा के अनिल बलूनी थे। गोदियाल हार गए लेकिन जिस शिद्दत से उन्होंने चुनाव लड़ा, विरोधी भी उनके कायल हो गए।
गणेश गोदियाल मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के कंडारस्यूं भहेड़ी गांव के रहने वाले है। गोदियाल जनता के बीच तथ्यों के साथ अपनी बात रखते हैं, आक्रामक अंदाज में सवाल उठाते हैं और गढ़वाली में लोगों से संवाद करते हैं। इस कला के चलते गोदियाल की संवाद शैली लोगों पर गहरा असर छोड़ती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में गोदियाल की इसी शैली ने चुनाव को कांटे की टक्कर का बना दिया था।
हालांकि अभी 2027 के लिए गोदियाल के पास पर्याप्त समय है। जाहिर है उन्हें अंदरूनी असंतोष से तो पार पाना ही होगा, कांग्रेस के निराश हताश संगठन में फिर से जान फूंकनी होगी। वोटरों के बीच प्रभावशाली ढंग से अपनी बातें पहुंचानी होंगी।
