सेना में 4 साल के लिए भर्ती होंगे युवा, अग्निपथ योजना की घोषणा, जानिए अग्निवीरों की भर्ती की क्या होगी प्रक्रिया
रैबार डेस्क : सेना में भर्ती होने का ट्रेंड अब बदल जाएगा। केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के नए सिस्टम की घोषणा कर दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ भर्ती योजना का ऐलान किया है। हालांकि इस नए अग्निपथ सिस्टम से हजारों युवाओं की उम्मीदो को बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड के युवा (Rajnath Singh Approves Agnipath recruitment Scheme for armed forces) सेना में जाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार की नई नीति से सैन्यधाम के युवाओं को निराशा हाथ लगी है। दो साल से सेना की भर्तियां बंद हैं, ऐसे में नई स्कीम युवाओं के सपनों पर कुठाराघात जैसा ही है।
सेना के नए भर्ती सिस्टम को अग्निपथ प्रवेश योजना नाम दिया गया है। इसके तहत सेना में केवल 4 साल के लिए भर्ती किया जाएगा। इसमें 6 महीने का ट्रेनिंग पीरियड भी शामिल है। आइये विस्तार से समझते हैं, क्या है ये अग्निपथ योजना। सैनिकों की कमी देखते हुए मोदी सरकार ने खास प्लान बनाया है। सरकार का मकसद है कि सैन्य सेवाएं यूजफुल बनें, सैन्य भागीदारी के लिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका मिले।
कितने साल की जॉब
नए भर्ती सिस्टम के तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सालाना करीब 40 हजार भर्तियां करने की योजना है।
अग्निपथ सिस्टम के तहत सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए होगी।
4 साल की सेवा के बाद उन्हें दूसरे कामों के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इन जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा।
जो भी अग्निवीर भर्ती होंगे, उनमें से केवल 25 प्रतिशत ही सेना का परमानेंट हिस्सा बने रहेंगे।
बाकी को फ्यूचर की जॉब के लिए ट्रेंड किया जाएगा। यानि सेना में 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीर फिर से दूसरी नौकरी के लिए काबिल होंगे।
अग्निवीरों की पहली भर्ती रैली 90 दिन के भीतर शुरू हो जाएगी। पहला बैच 2023 में आएगा।
अग्निवीरों की भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र तय की गई है।
अग्निवीरों का सैलरी पैकेज
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को पहले साल 4.76 लाख का सालाना पैकेज मिलेगा। चौथे साल तक बढ़कर ये 6.92 लाख तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा अन्य रिस्क और हार्डशिप भत्ते भी मिलेंगे।
चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को 11.7 लाख रुपए की सेवा निधि दी जाएगी। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
चार साल की सर्विस के दौरान कोई ‘अग्निवीर’ शहीद हो जाता है तो बीमे की रकम परिवार को मिलेगी। यह रकम करीब 48 लाख रुपये होगी। ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि मिलेगी। इसके अलावा जितनी सर्विस बची होगी, उसकी सैलरी भी नॉमिनी को मिलेगी। सर्विस पीरियड के दौरान विकलांगता की सूरत में जवान को एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाएगी।
क्यों पड़ी अग्निपथ सिस्टम की जरूरत
सवाल ये भी है कि अग्निपथ भर्ती योजना की जरूरत क्यों पड़ रही है। दरअसल पिछले दो साल से न तो थल सेना, न वायु सेना और न ही नौसेना में कोई भर्ती हुई है। सेना में जूनियर कमिशंड ऑफिसर्स (JCOs) के एक लाख से ज्यादा पोस्ट्स खाली हैं। अग्निपथ स्कीम से रेगुलर बेस पर ज्यादा से ज्यादा युवाओं को सेना में जाने का मौका मिलेगा।
नए सिस्टम से देश के किसी भी हिस्से, किसी भी बैकग्राउंड से आने वाला युवा किसी भी रेजिमेंट का हिस्सा बन सकेगा। अभी कुछ रेजिमेंट्स में भर्ती के लिए कुछ कायदे हैं जिन्हें पूरा करना होता है।
सरकार को नई व्यवस्था से पेंशन में बचत होगी। वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों की पेंशन के लिए करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये अलॉट किए थे। यह रकम कुल रक्षा बजट का करीब एक-चौथाई है।
‘अग्निपथ‘ स्कीम के तहत कितनी भर्तियां होंगी?
फोर्स पहले-दूसरे साल तीसरे साल चौथे साल
आर्मी 40,000 45,000 50,000
एयरफोर्स 3,500 4,400 5,300
नेवी 3,000 3,000 3,000