2024-04-19

पहाड़ों में डॉक्टरों की नहीं होगी कमी, पहाड़ी जिलों में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को मिलेगा 50 फीसदी एक्स्ट्रा भत्ता

50 percent extra stipend to the doctors of medical colleges in hill districts

रैबार डेस्क: राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों को रोकने के लिए सरकार ने नायाब तरीका निकाला है। सराकर ने फैसला किया है किया है कि पहाड़ों राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात नियमित और संविदा डॉक्टरों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। govt to provide 50 percent extra stipend to the doctors of medical colleges in hill districts) इससे पहाड़ी जिलों में मेडिकल कॉलेज को पर्याप्त फैकल्टी मिल सकेगी और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी भी नहीं रहेगी।

दरअसल कम वेतनमान और मुश्किल हालात के बीच पर्वतीय जिलों के मेडिकल कॉलेज में अधिकतर डॉक्टर रहना नहीं चाहते। ऐसे में डॉक्टरों को पहाड़ पर टिकाए रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहा है। इसेस पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ता है। खासतौर से पहाड़ों के अस्पतालों मे विशषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में शहरों का रुख करना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि काफी प्रयासों के बावजूद पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेन्ट प्रोफेसर अपनी सेवाएं देने के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे जिसका एक कारण कम वेतनमान एवं पर्याप्त सुविधाएं न मिल पाना सामने आया था जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात नियमित एवं संविदा दोनों ही श्रेणी के फैकल्टी को मेडिकल टीचर्स डेफिसेन्सी कम्पनसेटरी स्कीम के अंतर्गत 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया है।

डॉ रावत ने बताया कि वर्तमान में यह अतिरिक्त भत्ता पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा में लागू होगा तथा भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित किये जाने वाले सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात संकाय सदस्यों, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेन्ट प्रोफेसर को भी उक्त भत्ता देय होगा। उन्होंने बताया कि इस अतिरिक्त भत्ते के भुगतान हेतु एक कॉरपस फण्ड बनाया जायेगा जिसका संचालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा किया जायेगा। संकाय सदस्यों को मिलने वाला 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता फैकल्टी के पे स्लिप पर अंकित नहीं होगा।

काफी प्रयासों के बावजूद राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर तथा अल्मोड़ा में पर्याप्त फैकल्टी नहीं मिल पा रही थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ते की स्वीकृति के बाद इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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