2024-05-05

निलंबित उद्यान निदेशक बवेजा की मुश्किलें बढ़ी, हाईकोर्ट ने CBI से प्राइमरी जांच कराने को कहा

रैबार डेस्क: उद्यान विभाग में कई घोटालों को अंजाम दे चुके पूर्व निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नैनीताल हाईकोर्ट ने बवेजा के खिलाफ दायर सभी जनहित याचिकाओं को सीबीआई से प्राथमिक जांच कराने के लिए कहा है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि सीबीआई 18 जुलाई तक कोर्ट को बताए कि क्या इन मामलों में बवेजा के खिलाफ कोई कार्रवाई हो सकती है। अदालत ने बवेजा के खिलाफ दायर तीसरी जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए ये आदेश दिए हैं। high court orders priliminary cbi enquiery of horticulture scams by baweja

दरअसल सस्पेंडेड उद्यान निदेशक हरमिंदर बवेजा के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट मे तीसरी जनहित याचिका दायर की गई है। आरटीआई कार्यकर्ता दीपक करगेती की ओर से इस बार नैनीताल जिले में पौधों की खरीद में हुए घोटालों के संबंध मे याचिका दायर की है। इससे पहले भी बवेजा ने उत्तरकाशी में पौधों की खरीद में घोटालों और फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स से पौधों की खऱीद के मामलों में भी बवेजा के खिलाफ कोर्ट मे याचिकाएं दायर हैं। इसके अलावा बवेजा के निर्देशन पर फर्जी बिल का भुगतान कर करोड़ों के वारे न्यारे करने का भी आरोप है।

मंगलवार को हाईकोर्ट ने दीपक करगेती की ताजा याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस शिकायत के साथ तमाम याचिकाओं की एक कॉपी सीबीआई को मुहैया करवाई जाए। और एजेंसी अभी तक की सभी जनहित याचिकाओं की प्राइमरी स्तर पर जांच करके 18 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई तक बताए कि क्या ये केस सीबीआई स्तर का है। अगर हां तो जो भी कार्यवाही होनी है उसके लिए अगली सुनवाई में सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने सचिव कृषि द्वारा नैनीताल में विंटर सीजन के लिए हुई खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज भी सीज कर दिए हैं इससे पहले 12 जून को बवेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बवेजा को सस्पेंड कर दिया था।

बवेजा के खिलाफ कीवी फल के पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, खराब गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने,  अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने जैसे आरोप हैं। और फेस्टिवल के आयोजन के लिए पीएम पर ड्रॉप मोर क्रॉप के फंड को डायवर्ट करने के आरोप हैं।

बवेजा ने फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। उत्तरकाशी में जिले में सैकड़ों किसानों को उक्त फर्जी नर्सरी से पौध दिलाए गए। जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ। बवेजा ने नैनीताल जिले में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर एक कश्मीर की एक और फर्जी नर्सरी बरकत एग्रो फार्म के जरिए गड़बड़ी की। गड़बड़ी का जिक्र याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में किया है, बरकत एग्रो फार्म को इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया,तो कहीं अकाउंटेंट के बिलों पर बिना हस्ताक्षर के ही करोड़ों करोड़ रुपए वारे न्यारे लगा दिए। इन सभी प्रकरणों पर याचिकाकर्ता दीपक करगेती को बीती सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघवी और राकेश थपलियाल ने कहा था कि वह नैनीताल वाले समस्त प्रकरण पर अलग से जनहितयाचिका दाखिल करे। जिसपर आज न्यायालय में सुनवाई के दौरान याचिका स्वीकार करते हुए ये आदेश हुए।

बवेजा के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने मोर्चा खोला था। दीपक ने तथ्यों और दस्तावेजों के साथ बवेजा की कारस्तानियों की पोल खोली थी। कई कास्तकारों ने भी बवेजा की पोल खोली थी। दीपक का कहना है कि मात्र सस्पेंड करना ही समाधान नहीं है, उत्तराखंड के कास्तकारों के साथ न्याय हो और बवेजा को जेल भेजा जाए। इसके अलावा विभाग के कई अफसरों ने भी पत्र लिखकर बवेजा के अधीन काम करने से मना कर दिया था।

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