2024-04-29

दिनभर भद्रा, अगले दिन सुबह 7 बजे तक ही मुहूर्त, जानिए कब मनाएं रक्षाबंधन का पर्व

rakshabandahan muhurt

रैबार डेस्क: रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। लेकिन इस बार 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा के रहने से रक्षाबंधन मनाने को लेकर भारी असमंजस है। भाई भहन के इस पावन पर्व को भद्रा रहित काल में मनाना चाहिए, इससे सभी कार्यों में सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लगने साथ ही भद्रा लग जाएगी जो रात को 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। आमतौर पर पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध में भद्रा होती है, लेकिन इस बार भद्रा पूरे दिन भऱ है। लेकिन धर्मशास्त्र कहते हैं, चाहे कुछ भी हो भद्राकाल में राखी कदापि नहीं बांधनी चाहिए। असमंजस की बात ये है कि पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। यानि 30 अगस्त की रात 9.01 से लेकर 31 अगस्त सुबह 7.07 बजे तक ही रक्षाबंधन का मुहूर्त है। ऐसे में कई लोग ये भी सोचते हैं कि क्या रात के समय राखी बांधना उचित होगा।

बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल कहते हैं, यद्यपि मुहूर्त 30 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 2 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक है, लेकिन आम धारणा ये है कि रात्रिकाल में रक्षाबंधन से बचना चाहिए। इसलिए धर्मसम्मत यही है कि 31 अगस्त को प्रात जल्दी उठकर सभी पूजन कार्य करते हुए सुबह 7 बजे से पहले तक राखी पहन ली जाए। हालांकि आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में कुछ लोगों के लिए हो सकता है कि ये संभव न हो, इसलिए वे 30 अगस्त रात्रि के समय भी रक्षाबंधन मना सकते हैं। हालांकि ये भी ध्यान रखना होगा कि अधिक रात्रि न हो। यानी अगर 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाना है तो रात 10 बजे तक मना लेना ज्यादा उचित होगा।   

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