सिलक्यारा अपडेट: 30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी, मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे रैट माइनर्स, काटकर निकाले ऑगर के पार्ट्स
रैबार डेस्क: 16 दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब सबी विकल्पों पर तेजी से काम हो रहा है। सुरंग में फंसी ञगर मशीन के पार्ट्स को काटकर बाहर निकाल दिया गया है। अब रैट माइन्रस सुरंग के भीतर जाकर मैनुअल ड्रलिंग करेंगे। उधर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी तेजी से चल रहा है, अब तक 30 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है।
रेस्क्यू मिशन पर पीएमओ की भी नजर बनी हुई है फ्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला आझ सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने मैप के जरिए रेस्क्यू प्लान को समझा और एजेंसियों के साथ बचाव के तरीकों पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने टनल में फंसे श्रमिकों से बात करके उनका हौसला बढ़ाया।
ऑगर मशीन का क्षतिग्रस्त हिस्सा निकाला गया
राज्य सरकार के नोडर अफसर डॉ नीरज खेरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन का जो हिस्सा पाइप में फंसकर टूटा था, उसे काटकर बाहर लाया जा चुका है। लेकिन मशीन का हेड अभी भी निकाला जाना बाकी है। ये काम जल्द हू पूरा कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि कुछ समय बाद अब सेना के जवान और रैट माइनिंग के एक्सपर्ट इन पाइपों के भीतर जाएंगे और बचे हुए हिस्से में मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। गैस कटर, लेजर कटर और अन्य मशीनों के जरिए हाथ से ही 9 मीटर तक फैला मलबा साफ किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि कोई अड़चन नहीं आई तो दो दिन के भीतर ये श्रमिकों तक पहुंचने का रास्ता तैयार हो जाएगा।
30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग हुई
मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग पर भी तेजी से काम हो रहा है। टनल के ऊपर पहाड़ी से श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर ड्रिलिंग की जानी है। अब तक करीब 30 मीटर ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। हालांकि इसमें पेंच ये है कि एक मशीन 45 मीटर तक ही ड्रिल कर सकती है। दूसरी ड्रिलिंग मशीन भी तैयार रखी गई है। लेकिन इस पूरे प्रोसेस में देरी हो सकती है। रेस्क्यू एजेंसियों की मानें तो अगर कोई दिक्कत नहीं आई तो 100 घंटे के भीतर ये ड्रिलिंग पूरी हो जानी चाहिए।