Ankita Bhandari Case: हाईकोर्ट ने खारिज की सीबीआई जांच की याचिका, कोर्ट ने कहा SIT की जांच पर संदेह नहीं
रैबार डेस्क: अंकिता भंडारी हत्याकांडज की सीबीआई जांच कराने की उम्मीदों को हाईकोर्ट से झटका लगा है। मामले की सीबीआई जांच को लेकर पत्रकार आशुतोष नेगी और अंकिता के परिजनों द्वारा दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी सही जांच कर रही है, उसकी जांच में संदेह नहीं किया जा सकता, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।HC rejects plea seeking cbi probe in ankita bhandari case
जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने आशुतोष नेगी द्वारा याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता, एसआईटी मामले की सही जांच कर रही है, जांच एजेंसी द्वारा किसी वीआइपी को नहीं बचाया जा रहा है, इसलिए सीबीआई जांच की याचिका निरस्त की जाती है। हाईकोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं हैं और आगे के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। अंकिता भंडारी के माता पिता भी याचिका खारिज किए जाने से संतुष्ट नहीं हैं।
बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड सामने आने के बाद वनंतरा रिजॉर्ट में आगजनी की गई थी, बुल्डोजर से तोड़फोड़ की गई थी। ऐसे में संदेह जताया जा रहा था कि सबूतों को मिटाने की साजिश हो सकतीहै। इसी बात को आधार बनाकर पत्रकार आशुतोष नेगी ने हाईकोर्ट में मामले की सीबीआई जांच के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने अंकिता के माता पिता को भी याचिका में पक्षकार बनाते हुए उनसे अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था। लेकिन हाईकोर्ट ने आखिर में याचिका निरस्त करने का फैसला दिया।
याचिका में कहा गया था कि सरकार शुरुआत से ही किसी वीआईपी को बचाना चाह रही है। पुलिस व एसआइटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रहे हैं। एसआअटी ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था, उसकी दिन शाम को मृतका का कमरा तोड़ दिया गया, पुलिस ने बिना किसी महिला डॉक्टर की उपस्थिति में उसका मेडिकल कराया गया, जो सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है। मृतका की माता सोनी देवी व पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने व दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने को लेकर याचिका में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें आरोप लगाया था कि एसआइटी इस मामले की जांच में लापरवाही कर रही है, इसलिए सीबीआई से जांच कराई जाए।
हाईकोर्ट में एसआईटी ने भी हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि रिसॉर्ट के कमरे को बुलडोजर से ध्वस्त करने से पहले सारी फोटोग्राफी की गई। मृतका के कमरे से एक बैग के अलावा कुछ नहीं मिला।