टूटती सांसों, बिखरती उम्मीदों को नया भरोसा दे रही आयुष्मान योजना, मुफ्त उपचार पर खर्च हुए 1208 करोड़ रुपए
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में संचालित आयुष्मान भारत योजना और अटल आयुष्मान योजना लोगों के लिए वरदान बन रही है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना में उत्तराखंड के जनमानस की अपेक्षाओं पर खरा उतर रही है। योजना के तहत अभी तक 6.69 लाख मरीजों ने मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ उठाया है। इस पर सरकार की 1208 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है। over 6.69 lakh propel got free treatment under ayushman yojana in uttarakhand, govt spent over 1208 crore
अक्सर ये देखा गया है कि कई लोग आर्थिक बोझ के कारण बीमारी का उपचार नहीं करा पाते थे और बीमारी के बावजूद भी अपने जीवन को जोखिम में डालने को मजबूर थे। लेकिन जब से आयुष्मान योजना शुरू हुई, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों भी बड़ा सहारा मिल गया। योजना के लाभार्थियों का कहना है कि यदि आयुष्मान योजना नहीं होती तो अस्वस्थता का संकट जीवन के हालातों पर हावी हो जाता। योजना ने कई लोगों को फिर से स्वस्थ व खुशहाल जीवन का तोहफा दिया है तो कई मरीजों के लिए यह योजना प्राणदायिनी साबित हुई है। उपचारित मरीज गदगद भाव सरकार का आभार जताते हैं।
महज चार साल में प्रदेश में 49.75 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। प्रदेश के ज्यादातर लोग मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। लाभ लेने वाले कुल मरीजों की तादाद 6.69 लाख से अधिक पहुंच गई है। योजना के अंतर्गत हुए लाभार्थियों के मुफ्त उपचार पर सरकार की 1208 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है।
आयुष्मान योजना की उपलब्धि पर स्वास्थ्यमंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आम जनमानस के जीवन से जुड़ी आयुष्मान योजना टूटती सांसों से बिखरती उम्मीदों को फिर से समेटने का अतुलनीय कार्य कर रही है। यह जन कल्याण का एक वह मुकाम जहां मूल्य और मायने सिर्फ इंसानियत के ही शेष बचते हैं। हमें प्रसन्नता है कि प्रदेश में आयुष्मान योजना सराहना के स्तर को हासिल कर रही है। जन स्वास्थ्य हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। लाभार्थियों को बेहतर से बेहतर सुविधा हर हाल में मिले। हमारी कोशिश है कि प्रदेश में शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बन जाएं। ताकि संजीवनी, प्राणदायिनी जैसे अलंकरणों को सुशोभित करने वाली आयुष्मान योजना का लाभ सभी को मिल सके।”