उत्तरकाशी के बैनोल गांव में दरारों से दहशत, इस बार भी बांध बन रहा तबाही कारण!
रैबार डेस्क: जोशीमठ त्रासदी के जख्म भी अभी हरे ही हैं, उधर उत्तरकाशी के बैनोल गांव में भी बांध के कारण घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं। स्थानीय लोग बांध बनाने वाली कंपनी से गुहार लगाकर थक चुके हैं लेकिनकोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों ने इस बाबत डीएम को ज्ञापन भी भेजा है लेकिन अभी तक लोगों की मुश्किल कम नही हुई है। peopel of bainol village fear after severe cracks in house after blasting of natwar mori hydro project
दरअसल जिले के दूरस्थ मोरी ब्लॉक में टौंस नदी पर 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जलविद्युत परियोजना का निर्माण चल रहा है। हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण सतलुज जलविद्युत निगम (S.J.V.N) लिमिटेड कर रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव से महज 20 मीटर दूर ही बांध की सुरंग गुजर रही है। जिसके लिए अंधाधुंध विस्फोटकों का इस्तेमाल हो रहा है। विस्फोटों से गांव के कई घरों में दरारें आ गई हैं। जोशीमठ की आपदा के बाद लोगों में एक डर का माहौल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मुद्दे पर अधिकारियों और कंपनी प्रबंधन से कई बार बात करने की कोशिश की दई, लेकिन उनकी बात को टाला जाता रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने जब जांच टीम बुलाई तो कंपनी ने विस्फोट बंद कर दिए। लेकिन जांच टीम के जाने के बाद विस्फोटों का सिलसिला जारी है। 50 परिवारों वाले गांव में आधे से ज्यादा घरों पर दरारें आ गई हैं। इससे गांव पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि बांध के मलबे से भी लोगों को परेशानी हो रही है। कंपनी नदी से मात्र 10 मीटर दूरी पर ही मलबा डंप कर रही है, इससे भी ग्रामीणों की फसलों को नुकसान हो रहा है। स्थानीय लोगों की चेतावनी है कि प्रशासन शीघ्र ही मामले का संज्ञान ले औऱ गांव के पुनर्वास की पहल शुरू करे अन्यथा ग्रामीणों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।