2025-10-12

जल संरक्षण को समर्पित पहाड़ के इस शिक्षक के मुरीद PM मोदी, मन की बात में की तारीफ

PM praise sacchidanand bharti

रैबार डेस्क: उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण में हमेशा से अग्रणी रहा है। आज भी पहाड़ में कई ऐसे लोग हैं जो जल जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए अपना पूरा जीवन खपा रहे हैं। पौड़ी जिले के शिक्षक सच्चिदानंद भारती भी ऐसे शिक्षक हैं जो पाणी राखो आंदोलन के जरिये जल संरक्षण (water conservation) का कार्य कर रहे हैं। भारती जी के उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi praise sacchidanand bharti) ने आज मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया और उनकी तारीफ की। पीएम ने नैनीताल निवासी परितोष की भी तारीफ की जो औषधीय पौधों के रोपण और संरक्षण में कार्य कर रहे हैं।

सच्चिदानंद भारती का जिक्रकरते हुए पीएम ने मन की बात में कहा कि, पौड़ी गढ़वाल के सच्चिदानंद भारती जल संरक्षण के लिए अद्भुत काम कर रहे हैं। भारती जी ने मेहनत और लगन से क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर कर दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ग्रामीण पहले पानी की समस्या से बहुत ही ज्यादा परेशान थे, लेकिन आज भारती जी की मेहनत की बदौलत गांव और आसपास के क्षेत्रों में वर्षभर पानी की सप्लाई हो रही है। पीएम ने कहा कि पहाड़ों में जल संरक्षण के लिए एक पारंपरिक तरीका अपनाया जाता है जिसे, चालखाल भी कहा जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारती जी ने गांव में छोटे-बड़े तालाब बनवाए जिससे न सिर्फ ग्रामीणों की पेयजल की समस्या दूर हुई बल्कि क्षेत्र में हरियाली भी पुन: लौट आई। मोदी ने भारती जी की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि भारती जी ने जल संरक्षण और पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए अब तक 30 हजार जल तलईया बनवाई हैं। और वे अनेक लोगों को प्रेरणा भी दे रहे हैं ताकि आसपास के गांवों में भी पेयजल संकट दूर किया जा सके।

बता दें कि बीरोंखाल ब्लाक (जिला पौड़ी गढ़वाल) के गाडखर्क गांव के मूल निवासी सच्चिदानंद भारती पिछले चार दशक से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उनका पाणी राखो आंदोलन विश्व प्रसिद्ध है। सच्चिदानंद भारती इंटर कालेज उफ्रैंखाल से सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, जिनकी पर्यावरण के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हैं। भारती का कहना है कि पानी का बाजारीकरण भविष्य का बड़ा संकट है। पानी पर सबका समान अधिकार रहे, इसके लिए आंदोलन की जरूरत है। सच्चिदानंद भारती ने वर्ष 1989 में बीरोंखाल के उफ्रैंखाल में इस काम को शुरू किया। इसके तहत उन्होंने छोटे-छोटे चाल खाल बनाए। जिनमें बरसात के पानी का संरक्षण किया।

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नैनीताल जिले के परितोष का भी जिक्र किया जो गिलोय एवं अन्य औषधीय वनस्पतियों को लेकर कार्य कर रहे हैं, उन्हें संजोने का काम कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोरोना के संकटकाल में हमारी वनस्पतियों ने हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने का काम किया है। इसलिए परितोष जी का काम प्रेरणा देने वाला है।

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