उत्तराखंड के लिए जारी रहे जीएसटी कंपेनजेशन, GST काउंसिल की बैठक में बोले प्रेमचंद अग्रवाल
रैबार डेस्क: चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक का समापन हो गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी राज्यों के वित्तमंत्री शामिल रहे। उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उन्होंने जीएसटी परिषद को जीएसटी लागू होने के बाद (Uttarakhand demands to continue GST Compensation after June 2022) उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति की जानकारी दी और जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इस सन्दर्भ में डॉ. अग्रवाल ने केंद्रीय वित्तमंत्री को ज्ञापन भी दिया।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के दूसरे दिन अग्रवाल ने निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के गठन के समय 2000-2001 में प्राप्त संग्रह 233 करोड़ था, जो 2016-17 में लगभग 31 गुना बढ़कर 7,143 करोड़ रुपए हो गया था। इस अवधि राजस्व प्राप्ति के दृष्टिगत राज्य लगभग 19 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा था और वृद्धि दर के आधार पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड के चैक्स कलेक्शन में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि कंज्यूमर स्टेट होने के चलते आईजीएसटी कलेक्शन से राज्य के खजाने में वृद्धि नहीं हो सकी।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राजस्व घटने के कारण यह जरूरी हो गया है कि उत्तराखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति दी जाए। ये भी अनुमान है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति अवधि की समाप्ति के उपरान्त 2022-23 में भी राज्य को लगभग 5000 करोड़ का नुकसान होगा। ये उत्तराखंड की भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से सही नहीं है।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की चीन और नेपाल के साथ एक लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है, जिसके कारण राज्य का अत्यधिक सामरिक महत्व है। सीमांत पर्वतीय राज्य होने के कारण सुविधाओं के अभाव में पलायन राज्य की एक मुख्य समस्या रहा है। सीमांत क्षेत्रों से पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त संवेदनशील है इसीलिए राज्य में आधार संरचना का विकास किया जाना अत्यधिक आवश्यक है। वित्त मंत्री डॉ ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति पर राज्य की अत्यधिक निर्भरता होने के कारण क्षतिपूर्ति व्यवस्था के अभाव में राज्य के विकास एवं जन कल्याणकारी कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगे। इसलिए इस व्यवस्था को जून 2022 के बाद भी जारी रखा जाए। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सकारात्मक कार्यवाही का भरोसा डॉ अग्रवाल को दिया।