धामी सरकार का राजतिलक, सीएम संग 8 मंत्रियों ने ली शपथ, 2 नए चेहरे, पांडे, भगत,चुफाल आउट
रैबार डेस्क: पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल ले.ज. (रि.) गुरमीत सिंह ने उन्हें पद औऱ गोपनीयता की शपथ दिलाई। धामी के साथ 8 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। खास बात ये है कि पिछली कैबिनेट में धामी के वजीर रहे विशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडे और बंशीधर भगत को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। (dhami cabinet 8 ministers took oath) सतपाल महाराज, गणेश जोशी, रेखा आर्या, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत को रिपीट किया गया है। जबकि पूर्व में विधानसभा स्पीकर रहे प्रेमचंद अग्रवाल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
धामी सरकार में इस बार दो नए चेहरों को जगह मिली है। सितारगंज से विधायक रहे सौरभ बहुगुणा औऱ बागेश्वर से चौथी बार चुनाव जीते चंदन राम दास को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है।
आइये जानते हैं किस-किस को किस वजह से धामी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
सतपाल महाराज
उत्तराखंड की सियासत में सतपाल महाराज दिग्गज नाम हैं। सियासत का ऐसा कोई भी ओहदा नहीं जहां सतपाल न पहुंचे हों। कांग्रेस में रहने के दौरान वे केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं। 2014 के चुनाव से छीक पहले भाजपा में आए सतपाल के भाग्य में भले ही सीएम की कुर्सी न रही हो, लेकिन हर कैबिनेट में उनकी जगह लगभग पक्की रहती है। सतपाल महाराज पर्यटन, धर्मस्व, लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं। सतपाल महाराज लगातार दूसरी बार चौबट्टाखाल से चुनाव जीते हैं।
गणेश जोशी
पूर्व सैनिक रहे गणेश जोशी मसूरी से तीसरी बार औऱ कुल मिलाकर चौथी बार विधायक बने हैं। युवाओं और सैन्य बहुल परिवारों में गणेश जोशी की अच्छी पैठ रही है। धामी सरकार में जोशी सैनिक कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार फिर से उन्हें महत्वपूर्ण विभाग मिल सकता है।
धन सिंह रावत
उनका कद भले ही छोटा है, लेकिन सियासत में लंबी छलांग लगाते रहे हैं। 2017 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने पर मंत्रिमंडल मे शामिल हुए धन दा को 2021 में कैबिनेट मंत्री पद पर प्रमोशन मिला। संगठन में धनदा की गहरी पकड़ है। धन सिंह रावत पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। धन सिंह रावत श्रीनगर से दूसरी बार विधायक बने हैं।
प्रेमचंद अग्रवाल
ऋषिकेश से चौथी बार विधायक चुने गए प्रेमचंद अग्रवाल अनुभवी राजनेता माने जाते हैं। 2017 में अग्रवाल उत्तराखंड विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल अग्रवाल संगठन से तालमेल बिठाकर चलते हैं। इसी वजह से उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
सुबोध उनियाल
सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। उनियाल कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रहे हैं। 2016 में बीजेपी में शामिल होने के बाद भाजपा सरकार में कृषि मंत्री भी रहे हैं। उनियाल शासकीय प्रवक्ता भी रहे हैं। सुबोध उनियाल कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
रेखा आर्या
रेखा आर्या हमेशा पहाड़ी परिधानों और संस्कृति के प्रचार प्रसार में आगे रही हैं। सोमेश्वर से तीसरी बार चुनी रेखा आर्या दलित, महिला वोटरों का प्रतिनिध्वत करती हैं। 2016 में भाजपा में शामिल होने के बाद त्रिवेंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहने के बाद धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। पशुपालन, मत्स्यपालन तथा महिला एवं बाल विकास विभागों का जिम्मा संभाल चुकी हैं।
चंदन राम दास
धामी कैबिनेट में चंदन राम दास का नाम सबको चौंका गया। लगातार चौथी बार बागेश्वर से विधायक चुने गए चंदन राम दास के समर्थकों में खुशी का माहौल है। चंदन के रूप में पार्टी ने बड़े दलित चेहरे पर दांव चला है। चंदन रामदास संगठन के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर चलते हैं।
सौरभ बहुगुणा
सितारगंज से दूसरी बार विधायक चुने गए सौरभ बहुगुणा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे हैं। 2012 के बाद अब जाकर हेमवती नंदन बहुगुणा की सियासी विरासत को उत्तराखंड में भागीदारी मिली है। युवा मुख्य्मंत्री की युवा सरकार के समीकरणों पर सौरभ फिट बैठते हैं।