विधानसभा चुनाव: कहीं बागी न बिगाड़ दें भाजपा कांग्रेस का खेल
रैबार डेस्क: 14 फरवरी को होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मुख्य मुक़ाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। (revolting candidates may harm bjp congress) लेकिन कई ऐसी सीटें हैं जहां टिकट न मिलने से नाराज बागी प्रत्याशी दोनों दलों का खेल बिगाड़ सकते हैं। हालांकि नाम वापसी का विकल्प अभी खुला है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते ये नहीं लगता कि बागी मान जाएंगे। ऐसा हुआ तो दोनों पार्टियों के हैवीवेट कैंडिडेट को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
नहीं मानी संध्या
लालकुआं सीट हरीश रावत के चुनाव लड़ने के कारण अचानक से हॉट सीट बन गई है। ड्रामेटिक अंदाज में 3 दिन पहले कांग्रेस ने यहां से संध्या डालाकोटी को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन रामनगर में हुई उठापठक के बाद कांग्रेस ने यहां से हरीश रावत को मैदान में उतार दिया। इस बात से संध्या डालाकोटी बेहद नाराज हैं। संध्या की मानें तो उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। लिहाजा संध्या ने निर्दलीय नामंकन करा दिया। हरीश रावत ने 2 बार संध्या को मनाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। उधर बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट यहां हरदा को बाहरी बता रहे हूं। ऐसे में संध्या डालाकोटी ने कांग्रेस के कुछ वोट भी हासिल किए तो हरीश रावत को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
ठुकराल की निर्दल ताल
रुद्रपुर में भाजपा ने 2 बार के सिटिंग एमएलए राजकुमार ठुकराल का टिकट काटा तो ठुकराल ने निर्दलीय ही ताल ठोक दी। यहां से बीजेपी ने शिव अरोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन ठुकराल जमीनी पकड़ रखने के चलते बड़ी तादात में पार्टी के वोट बैंक पर सेंध लगा रहे हैं। ठुकराल ने यहां मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसे में नुकसान भाजपा को ही उठाना पड़ेगा।
कोटद्वार में धीरेंद्र चौहान का अड़ंगा
यमकेश्वर से टिकट कटने के बाद बीजेपी ने ऋतु भूषण खंडूड़ी को कोटद्वार से प्रत्याशी बनाया है।लेकिन यहां उन्हें सिर्फ कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी की चुनौती नहीं मिल रही बल्कि अपनी पार्टी के भीतर भी चुनौती मिल रही है। भाजपा के धीरेंद्र चौहान का टिकट यहां करीब तय माना जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर खंडूड़ी का टिकट होने से धीरेंद्र नाराज हो गए। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया है। चौहान का कहना है कि वे बाहरी प्रत्याशी का पुरजोर विरोध करेंगे।
रुद्रप्रयाग में कंडारी का एकला चलो रे
पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी रुद्रप्रयाग से कांग्रेस टिकट के पक्के दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन कांग्रेस ने यहां से प्रदीप थपलियाल को टिकट दिया तो कंडारी बागी होकर निर्दलीय ही मैदान में उतर गए। ऐसे में वे कांग्रेस को नुकसान पहुंचाकर बीजेपी की राह आसान कर रहे हैं।
धर्मपुर में चमोली को अपनों से चुनौती
बगावत के साइड इफेक्ट का असर देहरादून की धर्मपुर सीट पर भी दिख रहा है। यहां बीजीपी के सिटिंग एमएलए विनोद चमोली का टिकट एंटी इनकंबेंसी के बावजूद बरकरार रखा गया तो बीजेपी के नेता बीर सिंह पंवार बागी हो गए। टिहरी विस्थापितों के वोट बैंक पर अच्छी पकड़ रखने वाले बीर सिंह निर्दलीय मैदान में कूदे हैं। जीत हार तो अलग बात है लेकिन वे चमोली का खेल खराब कर रहे हैं।