रुद्रप्रयाग के इस मेहनती कास्तकार ने लहसुन बेचकर 15 दिन में की डेढ़ लाख की आमदनी
रैबार डेस्क: ये धरती सोना उगलती है, बस जरूरत है मेहनत, लगन और धैर्य की। रुद्रप्रयाग जिले के एक कास्तकार ने भी वीरान पड़े गांव में सब्जी और दालों के उत्पादन से आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। यहां बरसू गांव के किसान विजय सेमवाल (vijay semwal sold galic worth 1.60 lakh) ने पिछले 15 दिन में लहसुन बेचकर ही डेढ़ लाख की कमाई की है।
रुद्रप्रयाग के बरसू गांव में कास्तकार विजय सेमवाल 6 साल से गांव की जमीन को उपजाऊ बनाने में जुटे हैं। उन्होंने 30 नाली जमीन पर दालों और सब्जियों के उत्पादन का इंटीग्रेटेड मॉडल तैयार किया है। कोरोना की दूसरी लहर में जब लोगों को आमदनी का संकट मंडरा रहा था, टैब विजय अपने बगीचों में जीतोड़ मेहनत कर रहे थे। इस साल उन्होंने 7 नाली जमीन में प्याज और लहसुन की खेती की। उनकी मेहनत रंग लाई और लहसुन का बंपर उत्पादन हुआ।
पिछले 15 दिनों में विजय 20 कुंतल लहसुन बेच चुके हैं। इससे उन्हें 1 लाख 60 हजार रुपये की शुद्ध आमदनी हुई है। विजय अपने खेतों में गोभी, शिमला मिर्च और बीन्स की भी खेती कर रहे हैं। विजय सेमवाल के मुताबिक रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय और आसपास के गांवों से रोजाना यहां कई लोग लहसुन-सब्जी खरीदने आ रहे हैं। उसके साथ दो और लोग खेती में लगे हुए हैं। विजय बताते हैं कि ताजी ऑर्गेनिक सब्जियों की जबरदस्त डिमांड रहती है। सब्जियां खेतों से निकालने पर ही बिक जाती हैं। 15 से 20 किलो बींस की रोज डिमांड रहती है। प्याज की फसल भी लगभग तैयार है।